भूत-प्रेत, पिशाच के साथ बैंड बाजे भी थे भगवान शिव की बारात में
जमशेदपुर। मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शहर के मंदिरो में भव्य सजावट की गयी थी। सुबह से ही मंदिरों में भीड़ उमड़ने लगी थी। देर रात तक पूजा अर्चना का दौर चलता रहा। बेल्डीह शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर दिन भर ओम नमः शिवाय का जाप होते रहा। जुगसलाई, शिवघाट महाकालेश्वर मंदिर कमिटी द्वारा भगवान शिव की बारात निकाली गयी। इसमें अनेक तरह की झांकियां भी शामिल थी। इसके अतिरिक्त मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक, विशेष पूजन, भगवान का श्रृंगार आदि किया गया। मोनीबाबा आश्रम दोमुहानी सोनारी में भी मंगलवार की शाम को गाजेबाजे के साथ भगवान शिव की बारात निकाली गयी। इस बारात में शिव के साथी भूत-प्रेत एवं पिशाच भी शामिल थे। पशुपतिनाथ मंदिर गोलमुरी में नेपाली सेवासमिति की ओर से भगवान भोलेनाथ का विशेषपूजन का आयोजन के साथ पफूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया था। साकची बाजार शिव मंदिर से भी शिव की बारात निकली। परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी मंदिर बिष्टुपुर में महाकाल की विशेष पूजा की गयी। यहां पर महिलाओं ने सवा लाख पाथिव शिव लिंग का हुमाद कर पूरे विध्वििधन के साथ मंगलवार की शाम को पूजा अर्चना की गयी। इसके साथ ही भजन कीर्तन का दौर भी देर रात तक चलते रहा। मानगो दाईगुट्टू पुराना शिव मंदिर में गुरूवार की सुबह कलश यात्रा निकाली गयी। पूजा अर्चना व धर्मिक अनुष्ठान भी दिर भर मंदिर में चलते रहा। शिव शक्ति परिवार टेल्को की तरपफ से टेल्को राम मंदिर में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन गुरूवार को महामृत्यंजय मंत्रा का जप, हवन और महादेव का रूद्राभिषेक के साथ शुरू हुआ। सोनारी के काली भूतनाथ मंदिर में मंगलवार की सुबह से अखंड हरि कीर्तन और रामायण पाठ का आयोजन किया गया। शिव पार्वती का विवाह भी हुआ। शहर के प्रसि( मंदिरों में बाबा से वरदान मांगने के लिए महिला भक्तों की भीड़ अध्कि थी। मंदिरों के अलावा शहर के चैक चैराहों पर भोले बाबा के भजनों की आवाज माइको से गंूज रही थी। पूरा शहर बाबा की नगरी बना हुआ था। भगवान शिव को विशेष श्रंृगार करने के बाद मंदिर के पट खोला गया। सुबह से ही शहर के मंदिरो में महिलाओ पुरूषो एवं बच्चो की भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी। इसके साथ ही दलमा पहाड़ पर स्थित प्राचिन महादेव भगवान के शिव लिंग की पूजा करने एवं जल अर्पण करने के लिए सोमवार की शाम से ही हजारों की संख्या में भक्त लोग शहर के अलावे दूर दराज के क्षेत्रांे से पहाड़ पर पहुचे और भगवान शंकर की पूजा की। मालूम हो कि दलमा में हजारो की संख्या में लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्राी के दिन कठिन परिश्रम कर जाते है। शहर के गोलपहाड़ी, जुगसलाई शिवमंदिर, सिदगोड़ा सूर्यमंदिर, साकची शीतला मंदिर, साकची शिव मंदिर, काशीडीह रामलीला मैदान, कदमा रंकिणी मंदिर, बेल्डीह कालीबाड़ी मंदिर, नागा मंदिर बेल्डीह, कचहरी बाबा मंदिर, हाथी घोड़ा मंदिर, मनोकामनानाथ शिव मंदिर, चंडीबाबा मंदिर कदमा, पफागूबाबा मंदिर कदमा, टिनप्लेट कालीबाड़ी मंदिर, टेल्को राम मंदिर, सोनारी, कदमा, विष्टुपुर, बारीडीह एवं अन्य शिव मंदिरो मे आकर्षक सजावट देखते ही बनती है। इसके अलावे जगह जगह पर महाशिवरात्राी के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। शिव रात्रि पर्व को लेकर बाजारों में सुबह से ही कापफी चहल पहल थी।
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