कर्नाटक में जनजातीय विकास कार्यक्रमों का विस्तार : ट्राईफेड दल का 2 दिवसीय राज्य दौरा

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ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण ने ट्राईफेड अधिकारियों के एक दल के साथ 21 और 22 जनवरी, 2021 को कर्नाटक राज्य का दौरा किया, ताकि जनजातीय विकास कार्यक्रमों के संचालन की प्रगति की स्थिति पर चर्चा की जा सके और आगे विस्तार के लिए मार्ग तैयार किया जा सके। दो दिवसीय सफल यात्रा के दौरान, श्री प्रवीर कृष्ण ने जनजातीय विकास पर कई उपयोगी बैठकों और चर्चाओं में भाग लिया। इस संबंध में, कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री श्री बी.एस. येदियुरप्पा द्वारा एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें श्री प्रवीर कृष्ण, प्रबंध निदेशक, ट्राईफेड; श्री लक्ष्मी नारायणन, आईएएस (सेवानिवृत्त), कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री के सलाहकार; डॉ एन. नागाम्बिका देवी, अतिरिक्त प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग, श्री संगप्पा, निदेशक, जनजातीय कल्याण विभाग, कर्नाटक सरकार और श्री वी. रामनाथन, क्षेत्रीय प्रबंधक, ट्राईफेड, बैंगलोर ने भाग लिया। बैठक में जनजातीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के विस्तार के लिए एक विस्तृत योजना – जिसमें राज्य भर में 100 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके), लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के लिए 100 हाट बाजारों तथा 20 गोदामों का बुनियादी ढांचा, 5 ट्राईफूड पार्क 10 मिनी ट्राईफूड इकाई, 5 स्फूर्ति क्लस्टर और 10 खुदरा स्टोर स्थापित करने पर चर्चा की गई। माननीय मुख्यमंत्री ने राज्य में ट्राईफेड की सभी जनजातीय विकास योजनाओं को लागू करने में अपने समर्थन का आश्वासन दिया। श्री प्रवीर कृष्ण और ट्राईफेड के दल ने राज्य में जनजातीय विकास योजनाओं के विस्तार की विस्तृत योजना बनाने के लिए श्री बी. श्रीरामुलु, माननीय मंत्री, समाज कल्याण विभाग, कर्नाटक सरकार के साथ मुलाकात की और उनके सहयोग की मांग की।

इन बैठकों के बाद, कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव श्री रवि कुमार और श्री प्रवीर कृष्ण के बीच भी एक चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने राज्य में लघु वनोपजों (एमएफपी) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने में अपनी उत्सुकता व्यक्त की। यह सुझाव दिया गया कि राज्य में 200 हाट बाजार और 40 गोदाम स्थापित किए जाएंगे। यह भी तय किया गया कि वन धन कार्यक्रम के समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए मैसूर में एक ट्राईफेड कार्यालय स्थापित किया जाएगा साथ ही यह भी तय किया गया कि इन प्रस्तावित वन धन पहलों के लिए ट्राईफेड, स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट, मैसूर के साथ मिलकर कार्य करेगा।

विस्तार की योजना पर उसी दिन आयोजित राज्य संचालन समिति की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई थी, जिसकी अध्यक्षता श्री प्रवीर कृष्ण, आईएएस, प्रबंध निदेशक, ट्राईफेड द्वारा की गई थी, जिसमें डॉ. एन. नागाम्बिका देवी, आईएएस. अतिरिक्त प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग; श्री संगप्पा, आईएएस निदेशक, जनजातीय कल्याण विभाग, कर्नाटक सरकार तथा अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक के दौरान, जनजातीय उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार के प्रस्ताव को आगे रखा गया और निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई (एनपीएमयू) के सहयोग और समन्वय के लिए एक राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई (एनपीएमयू) की स्थापना की जानी चाहिए ट्राईफूड पार्कों की स्थापना के लिए जिला खनिज निधि (डीएमएफ) और अनुच्छेद 275(1) से, मिनी ट्राईफूड इकाईयों की स्थापना के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से और स्फूर्ति क्लस्टरों की स्थापना के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) से धनराशि प्राप्त करने के अवसरों का पता लगाने के लिए एक राज्य स्तरीय अभिसरण मॉडल का भी पता लगाया जाएगा। यह तय किया गया कि संजीवनी सोसाइटी पूरे राज्य में परियोजना के लिए समग्र कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी और अन्य औपचारिकताओं पर निर्णय लिया गया।

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दिनांक 22 जनवरी 2021 को श्री प्रवीर कृष्ण ने ट्राईफेड दल सहित मैसूर की जिला कलेक्टर सुश्री रोहिणी सिंधुरी के साथ मुलाकात की बैठक में, ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक द्वारा जनजातीय उद्यम विकास कार्यक्रम मॉडल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । चामराज तकनीकी संस्थान, सैयागी रोड, मैसूर में उपलब्ध एक स्थान को ट्राइब्स इंडिया शोरूम की स्थापना के लिए आवंटित करने पर भी चर्चा की गई, जहां पर मैसूर की विरासत को दर्शाती पारंपरिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा समग्र राज्य योजना के आधार पर, मैसूर जिले में 5 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके), 2 स्फूर्ति क्लस्टर, 2 मिनी ट्राईफूड इकाई, आदि स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। मैसूर में जनजातीय समुदाय के विकास के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने वाली गैर-सरकारी संस्था, स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट (स्वयम) परामर्श एजेंसी के रूप में कार्य करेगी इस बात पर भी सहमति हुई कि विश्व प्रसिद्ध मैसूर दशहरा उत्सव के दौरान जनजातीय संस्कृति, कला एवं शिल्प तथा व्यंजनों की भावना के उत्सव के रूप में एक ‘आदि महोत्सव’ प्रति वर्ष मैसूर में आयोजित किया जाएगा।

कर्नाटक की दो दिवसीय यात्रा, कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में बहुत उपयोगी साबित हुई. जो जनजातीय लोगों के लिए आय उत्पन्न करने और उन्हें सशक्त बनाने में प्रभावी होगी।

ट्राईफेड, देश भर में जनजातीय जीवन और आजीविका में सम्पूर्ण परिवर्तन लाने के अपने प्रयासों में सतत रूप से कार्यरत है।

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