DHANBAD -हथिनी को धनबाद से मथुरा के लिए किया गया रवाना, इलाज के लिए भेजा जा गया अस्पताल

264

धनबाद में वन विभाग की ओर से रोककर रखी गई हथिनी को आज इलाज के लिए मथुरा के हाथी हस्पताल भेजा गया. दरअसल, हथिनी घायल है उसके पैर में जख्म है. झारखंड में हाथी के चिकित्सा संबंधित सुविधा नहीं होने के कारण उसे केंद्रीय मेडिकल टीम के संरक्षण में मथुरा भेजा गया है.

 

धनबादः पिछले दो माह से एक हथिनी को वन विभाग की ओर से रोका गया था, जिसे डीएफओ धनबाद के संरक्षण में मैथन थाना अंतर्गत डीबुड़ी चेक पोस्ट के समीप रखा गया था. शनिवार को उस हथिनी को मेडिकल टीम के साथ उत्तर प्रदेश के हाथी हस्पताल मथुरा के लिए रवाना किया गया. धनबाद डीएफओ विमल लकड़ा ने बताया कि वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार वन्यप्राणी सरकार के संरक्षण में होता है.सूचना मिली थी कि एक हथिनी मैथन की ओर जा रही है तभी जांच के लिए रोका गया, जांच के दौरान यह पता चला कि हथिनी का मालिक सीतामढ़ी बिहार का रहने वाला है जिसने इस हथिनी को दान दे दिया है. स्वामित्व प्रमाण पत्र जांच के दौरान संदेह होने पर हथिनी को रोका गया. दरअसल, स्वामित्व प्रमाण पत्र के बिना कोई भी वन्यप्राणी को नहीं रख सकता और एक राज्य से दूसरे राज्य भेजने पर संबंधित वन अधिकारियों से स्वीकृति लेना अनिवार्य होता है.

वहीं, जब हथिनी का मेडिकल टेस्ट कराया गया तो पता चला कि हथिनी घायल है उसके पैर में जख्म है. झारखंड में हाथी की चिकित्सा संबंधित सुविधा नहीं होने के कारण व्हाइट लाइन उत्तर प्रदेश की मेडिकल टीम को बुलाया गया और उत्तर प्रदेश न्यायालय के साथ व्हाइट लाइन से परमिशन मांगकर हथिनी को बेहतर इलाज के लिए केंद्रीय मेडिकल टीम के संरक्षण में मथुरा भेजा गया है.

वहीं, इस संबंध में हथिनी के मालिक रूपम दुबे ने बताया कि पिछले वर्ष नवंबर में हाथी को उत्तर प्रदेश से लेकर निकले थे. रूपम हथिनी को झारखंड के बासुकीनाथ मंदिर में आयोजित शिवरात्रि में भव्य शोभायात्रा में हाथी के सेवा प्रदान के लिए लेकर जा रहे थे. इस बीच वन अधिकारियों ने मैथन थाना क्षेत्र में उसे रोक दिया और दो माह बाद हथिनी को मेडिकल टीम की देखरेख में मथुरा उत्तर प्रदेश लेकर जा रहे थे जबकि अब तक उन्हें कोर्ट से कोई भी नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More