आँल इंडिया चंद्रवंशी युवा एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी, झारखंड चंद्रवंशी सभा काशीडीह एवं चंद्रवंशी विकास समिति बारीडीह द्वारा जरासंध भवन काशीडीह में 5223 वाॅ जरासंध जयंती धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया गया। मगध के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट जरासंध महाराज का प्रतिमा पूजन किया गया।
ज्ञात हो कि सम्राट जरासंध जब दो माँ को गर्भ से आधा-आधा पैदा लिए, तो राजा ने उसे व्यर्थ समझकर वन में फिकवा दिया। जिसे माँ दुर्गा के 48 वें अवतार वनदुर्गा के रूप में अपना नाम जरा बताते हुए जोड़ कर एक कर दिया गया था। जिस दिन जरासंध का जन्म हुआ व मगध नरेश राजा वृहदर्थ को अपना उत्तराधिकारी मिला था, वह दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का एकादशी था। इस खुशी में जरासंध के पिता राजा वृहदर्थ ने यह घोषणा की कि जरासंध का जन्मदिन एक त्योहार की तरह मनाया जाएगा, जिसे “देवोत्थान” कहा जाएगा। जिसका अपभ्रंश जेठान है। इस दिन ईख (केतारी) के डाढ़ को झाड़ के साथ इस मान्यता के साथ चढ़ाया जाता है को झाड़युक्त डाढ़ जितना लंबा होगा उतना ही उसका वंश का विस्तार होगा।
इस दिन मगध के साथ साथ पूरे बिहार में गन्ने को चुसकर मूँह मिठा किया जाता है। संगठन ने इस पावन अवसर पर सरकार से अपिल की, कि इस दिन को राज्यकीय अवकाश घोषित करें ताकि हिंदुत्व की परंपराओं का समाज में समुचत समावेश हो सके। साथ ही संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में हम पश्चिम सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपनी परंपरा व उसके वैज्ञानिक महत्त्व को भूलते जा रहे हैं। हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ परंपराओं के बारे में भी बताना चाहिए ताकि उनमें सदाचार की भावना विकसित हो सके।
इस कार्यक्रम मेंझारखंड चंद्रवंशी सभा काशीडीह सेसंतोष चंद्रवंशी (अध्यक्ष),राज कुमार चंद्रवंशी (सचिव),आनंद प्रसाद(संगठन मंत्री)शिव शंकर वर्मा ,ऑल इंडिया चंद्रवंशी युवा एसोसिएशन सेसुदर्शन चंद्रवंशी( जिला सलाहकार),शिवरंजन चंद्रवंशी,
अखिलेश चंद्रवंशी, शिव भजन चंद्रवंशी,चंद्रवंशी विकास समिति बारीडीह से रामेश्वर प्रसाद, विनय सिंह तथा सदस्य गण
जितेंद्र चंद्रवंशी,मुकेश चंद्रवंशी,श्रीकांत चंद्रवंशी,सुनील कुमार सिंह,राहुल नारायणबैजनाथ प्रसादएवं समस्त चंद्रवंशी समाज व अन्य पदाधिकारी शामिल रहें।
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