जमशेदपुर। मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा द्वारा तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 11 बेटियों का सामूहिक विवाह 26 नवंबर गुरूवार को कराया जाएगा। सामूहिक विवाह का तीन दिवसीय कार्यक्रम साकची काषीडीह स्थित डीएसएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस परिसर में वृदांवन से पधारें कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज के सानिध्य में होगा।
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते एवं सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए इसका शुभारंभ मंगलवार 24 नवंबर को विधिवत रूप से पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्जवलित कर की गयी। दीप प्रज्जवलित बतौर अतिथि आचार्य राजेन्द्र महाराज, समाजसेविका तेजी सिंह, डीएसएम स्कूल के प्रोपराइटर दिलीप सिंह, जिला अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, जिला मारवाड़ी सम्मेलन के महामंत्री अशोक मोदी, झारखंड प्रांतीय मारवाडी युवा मंच के पूर्व अध्यक्ष नंद किशोर अग्रवाल, राष्ट्रीय संयोजक विजय आनन्द मुनका, मारवाड़ी सम्मेलन साकची शाखा अध्यक्ष ओमप्रकाश रिंगसिया, प्रांतीय संयोजक अरुण गुप्ता, भारत अग्रवाल, मनीष बंसल, बलराम अग्रवाल (सोनारी), श्याम सुंदर रिंगसिया, आदि ने संयुक्त रूप से किया। सभी अतिथियों को तुलसी पौधा देकर सम्मानित किया गया।
उद्घाटन समारोह का नेतृत्व शाखा अध्यक्ष मनीषा संघी के नेतृत्व में हुआ, जिसका सफल संचालन कविता अग्रवाल ने किया। आज के यजमान गीता-अशोक अग्रवाल ने पूजा अर्चना की। यह जानकारी शाखा मीडिया प्रभारी कविता अग्रवाल ने दी। उन्होेंने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सुरभि शाखा के सभी सदस्यों समेत पुरी टीम लगी हुई हैं। साथ ही सबका अहम योगदान मिल रहा हैं।
इस कार्यक्रम की संयोजिका स्नेहा अग्रवाल चंदुका, सह संयोजिका मुस्कान अग्रवाल, बबली शाह तथा शाखा सचिव उषा चैधरी ने बताया कि विवाह का पूरा खर्च समाज के गणमान्य लोगों के सहयोग से संस्था संभालेगी। साथ ही सभी जोड़ों को गृहस्थ के लिए आवश्यक सामग्री भी दी जाएगी।
सुंदर चरित्र का निर्माण करने से होगा श्रीराम का दर्षनः- कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज ने मंगलवार को अखंड रामायण एवं राम-सीता विवाह पर पर चर्चा की, महाराज ने सीता-राम विवाह की कथा सुनाई। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने सुंदर झांकी प्रस्तुत की। कोविड संक्रमण के कारण कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं की उपस्थिति काफी कम थी। सुरभि शाखा से जुड़ी महिलाएं आॅनलाइन कथा सुनकर भाव-विभोर हो उठी। व्यासपीठ से कथावाचक ने कहा कि मनुष्य को श्रीराम का दर्षन तब ही संभव हो पायेगा जब मनुष्य सुंदर चरित्र का निर्माण करें। श्रीरामचरित मानस की कथा श्रवण कर उसमें बताए गए मार्ग को अपनाने वाले मनुष्य का चरित्र वंदनीय हो जाता है। ऐसे लोग अपने कर्म के आधार पर समाज में पूजे जाते हैं। चरित्रवान होने के नाते ही राम की पूजा होती है। श्रीरामचरित मानस तो जीवन दर्शन है।
उन्होंने आगे कहा कि कलियुग में रामकथा का विशेष महत्व है। जिस तरह से पारस पत्थर के स्पर्श से लोहा सोना हो जाता है उसी तरह श्रीरामकथा के श्रवण मात्र से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिल जाती है व व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। कलियुग के देवता हनुमान जी भी राम कथा श्रवण करने वालों की संकट के समय मदद करते हैं। दूसरे दिन 25 नवम्बर बुधवार को शिव चर्चा एवं शिव-पार्वती विवाह तथा तीसरे दिन 26 नवम्बर गुरूवार को रूकमणी विवाह, तुलसी विवाह एवं सामूहिक विवाह पर प्रवचन देगें।
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