मधुबनी – लालगंज( पैटघाट) यदुनाथ सार्वजनिक पुस्तकालय के नवनिर्मित भवन में बिहार के 70मा स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

263

मधुबनी।

यदुनाथ सार्वजनिक पुस्तकालय, पैटघाट (लालगंज), मधुबनी , बिहार के 70मा स्थापना दिवस समारोह 7 नवंबर 2020 को पुस्तकालय के नव निर्मित भवन के कांफ्रेंस हॉल में मनाया गया। इस कार्यक्रम मे 75 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की शरुआत सुबह 9 बजे “वृक्षारोपण” (सदस्यगण द्वारा पुस्तकालय परिसर में) से हुआ। 15 सदस्यों ने पौधे लगाए।

मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत “नव भवन एवं कॉन्फ्रेंस हॉल” का श्री मंत्रेश्वर झा द्वारा उद्घाटन के साथ हुआ । सुश्री शिवानी एवं शिप्रा के भगवतीक गीत, जय जय भैरवि….से शुरुआत के बाद डिजिटल माध्यम से श्री मंत्रेश्वर झा  उदघाटन भाषण हुआ। उन्होंने पुस्तकालय को सामाजिक सरोकार और अधिक जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने पुस्तकालय के पहले तल्ले के निर्माण एवं पुस्तकालय विस्तार की कार्ययोजना पर बल दिया।

पुस्तकालय अध्यक्ष श्री जीवनाथ मिश्र ने सबों का औपचारिक स्वागत किया एवं पिछले 70 सालों में पुस्तकालय के प्रगति एवं महत्वपूर्ण कार्यों का विस्तृत विवरण दिया। पुस्तकालय सचिव श्री उदय नाथ मिश्र ने पिछले एक साल में सभी गतिविधियों का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना संकट के बाबजूद डिजिटल संवाद के माध्यम से कैसे सक्रिय रहा। साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में पुस्तकालय के कैटेलॉग को डिजिटल करने की रूप रेखा पर प्रकाश डाला। कोषाध्यक्ष श्री दिगम्बर कामति ने पुस्तकालय के आय- व्यय का लेखा जोखा विस्तार से सभी सदस्यों के सामने रखा। साथ ही सबों से अधिक से अधिक सदस्यता के लिए आह्वान किया।

इसके बाद, अयाची पब्लिकेशन सोसाइटी , लालगंज, मधुबनी द्वार पुनर्प्रकाशित नैयायिक पंडित यदुनाथ मिश्र लिखित मूल संस्कृत पुस्तक “व्यंजनावाद”  ( जो 1940 में पहली बार प्रकाशित हुआ था) का मैथिली भावानुवाद, जो  श्री मदनेश्वर झा किया गया था,  का लोकार्पण संयुक्त रूप से कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री किशोर नाथ झा, मुख्य अतिथि श्री जगदीश मिश्, श्री मदनेश्वर झा ( अनुवादक), श्री जीवनाथ मिश्र, श्री भैरवेश्वर झा एवं श्री निर्भय नाथ मिश्र के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। साथ ही इस सत्र में उपरोक्त विद्वानों ने पुस्तक, लेखक, अनुवाद एवं पुस्तकालय के विकास के संबंध में विचार प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री निर्भय नाथ मिश्र ने सभी प्रतिभागियों से अपने विचार रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि पुस्तकालय का सोशल ऑडिट एवं सदस्यों का विचार बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पुस्तकालय में पारदर्शिता बनी रहती है एवं अन्य आयाम जुड़ते है। पुस्तकालय से फेसबुक, ट्विटर एवं व्हाट्सएप्प के माध्यम से जुड़े लोगों को भी लगातार अपने विचार रखने के लिए आग्रह किया।

सुझाव देते हुए श्री जगदीश मिश्र, श्री अशोक (कथाकार), श्री शिवशंकर श्रीनिवास, श्री रमण जी ने अपने विचार रखे। प्रमुख सुझाव थे-   पुस्तकालय के विकास एवं sucess story पर एक डॉक्यूमेंट्री का निर्माण, physically handicapped के लिए पुस्तकालय में व्यवस्था एवं समाज के और लोगों को जोड़ना।

अंत में उपाध्यक्ष श्री अशर्फी कामति ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों एवं भवम निर्माण में आर्थिक सहयोग देनेवाले सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया। साथ ही, पुस्तकालय में नए डिजिटल कॉन्फ्रेंस  हॉल के माध्यम से  गांव के बच्चो को गुणवत्तापूर्ण  शिक्षा  देने की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।

कार्यक्रम का संचालन श्री निर्भय नाथ मिश्र ने किया। साथ ही , राजनगर पर एक वृत्त चित्र भी दिखाया गया।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More