रायरंगपुर। भारत चीन सीमा पर चल रहे संघर्ष में कई जवान शहीद हुए इनके बीच रायरंगपुर समीप बड़ा चंपाउदा निवासी नंदूराम सोरेन शहीद (43)हो गए ।उनके शहादत की सूचना उनके परिजनों को मिलने के पश्चात परिजनों के बीच शोक का माहौल बन गया तथा उनके पत्नी के साथ तीनों बेटियों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। सूचना के पश्चात रायरंगपुर विधायक नोवो चरण माझी , सरकारी कर्मचारी, दिग्गज नेता तथा आस-पड़ोस के लोगों ने शहीद के परिजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया । उनका पार्थिव शरीर कल उनके गांव लाए जाने की सूचना मिली है जानकारी के अनुसार चंपाउदा निवासी आर्मी के जवान नंदू राम सोरेन सन 1997 में 16 बिहार रेजीमेंट दानापुर मे आर्मी की नौकरी ज्वाइन की थी । तथा वर्तमान नायब सूबेदार के रूप में कार्यरत थे । नौकरी के पश्चात उन्होंने गांव समीप बादड़ा गांव के लक्ष्मी माझी के साथ विवाह किया था तथा उनकी तीन बेटियां है तीनों बेटियों में गणेश्वरी सोरेन (14 वर्ष). मानसी सोरेन (11 वर्ष) तथा सोनाली सोरेन (6वर्ष)तीनों रायरँगपुर के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई करते है। नंदूराम ने रायरंगपुर शहर के इचिंडा में एक नए आवास भवन का निर्माण किया था तथा कुछ महीनों के पश्चात नए घर में गृह प्रवेश करने की बात कह कर वह ड्यूटी में चला गया था । नंदूराम के कुल चार भाई हैं सबसे बड़ा भाई डोमन सोरेन , भोगान सोरेन, दशरथ सोरेन तथा नंदूराम सोरेन सबसे छोटा था भोगला माझी का अस्वस्थता के कारण मृत्यु हो गया था तथा उसके श्राद्ध कर्म पर आर्मी के जवान नंदूराम जनवरी में रायरंगपुर अपने आवास आया था तथा अपने भाई के श्राद्ध कर्म में भाग लेने के पश्चात वापस चीन बॉर्डर पर चला गया था तीनों भाइयों के अलावा पूरे परिवार का बोझ नंदूराम के ऊपर में था । पूरे परिवार पर नंदू का सहारा छूट जाने के पश्चात परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है उनके शहादत की सूचना के पश्चात राजनीतिक पार्टियों के नेता , उनके दोस्त , रिश्तेदार उनके आवास पर पहुंचकर उनकी पत्नी तथा उनके परिजनों को आश्वासन देने के साथ ढाँढस बनाया । शहीद नंदूराम का पार्थिव शरीर कल उसके गांव बड़ा चंपाउदा लाए जाने के बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ही किए जाने की जानकारी उनके परिजनों ने दी है।
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