*वर्ष 2017 में उसने 1.25 एकड़ टांड जमीन पर शुरुआत की आम बागवानी*
*इस साल आम पौधों में लगे हैं अच्छे फल*
*वह 70,000 रुपये की आमदनी की कर रही हैं उम्मीद*
खूंटी जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तोरपा प्रखंड के हुसिर पंचायत अंतर्गत कुमांग गाँव। कुमांग निवासी ललिता भेंगरा आज एक आदर्श किसान के रुप में क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी हंै।
ललिता भेंगरा के परिवार में पर्याप्त जमीन रहने के बावजूद भी परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं थी। जमीन का एक बड़ा हिस्सा टांड था। यह खेती के लिए उपयुक्त नहीं था। जमीन परती पड़ी हुई थी।
ललिता के कंधे पर अपने सास, देवर सहित एक बड़े संयुक्त परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेवारी थी। सीमित आमदनी में घर को चलाना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, उसने हिम्मत नहीं हारी। ग्राम सभा, स्थानीय प्रशासन, स्वयं सेवी संस्था के सहयोग से मनरेगा अंतर्गत आम बागवानी से उन्होंनेे अपने अधूरे सपने को पूरा किया।
वर्ष 2015 में ललिता ने रोशनी महिला मंडल से जुड़कर अपने जीवन के बदलाव की शुरुआत की। स्वयंसेवी संस्था “प्रदान” एवं महिला मंडल के सदस्यों ने उन्हें मनरेगा के तहत आम बागवानी करने की सलाह दी। मनरेगा सी.एफ.टी. परियोजना एवं पंचायत के माध्यम से मिली जानकारी से प्रेरित होकर उसने अपने ग्राम सभा में मनरेगा के तहत बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना को आरंभ करने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने वर्ष 2017 में अपने 1.25 एकड़ टांड जमीन पर आम बागवानी की शुरुआत की। आमबगवानी के कार्य में उनके परिवार के सदस्यों ने मजदूर के तौर पर काम किया। आम पौधे लगाने के बाद ललिता भेंगरा ने बगान के अन्दर खरीफ फसल एवं रबी फसल में टमाटर, मिर्चा, कद्दू, फूलगोभी, चना, हरा मटर एवं लाल साग की खेती की। इस अन्तः फसल की खेती से उनके परिवार को पूरे मौसम में खाने को सब्जी मिली। साथ ही उसने स्थानीय बाजार में इन उत्पादों की बिक्री कर अच्छा फायदा भी कमाया।
बाकौल ललिता, आम बगान में खेती करके वर्ष 2017 में पहली बार इनके परिवार ने तेरह हजार दो सौ (1,3200) रुपए का शुद्ध मुनाफा प्राप्त किया। साथ ही मनरेगा के तहत इनके परिवार ने 100 मानव दिवस का काम करके सोलह हजार आठ सौ रुपए का मजदूरी का भी लाभ अर्जित किया। इस प्रकार ललिता भेंगरा एवं इनके परिवार के सदस्यों ने बगान में सब्जी खेती करके प्रति वर्ष 60-70,000 रुपये की अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इस बढ़ी हुई आमदनी से परिवार ने घर की मरम्मती, पंप सेट एवं खेती में निवेश करके अपनी जरुरत की पूर्ति कर रहे हैं।
श्रीमती भेंगरा ने अपने बगान का सुनियोजित ढंग से प्रबंधन किया है , जिससे आस-पास के किसान उनके बगान में जाकर सीखते हैं एवं प्रेरणा लेते हैं। ललिता भेंगरा ने अपने बगान में गरमा फसल लगया है। कद्दू, कोहड़ा, तरबूज, खीरा एवं मौसमी साग की खेती कर रही हैं। इस वर्ष ललिता के आम बगान में 110 पौधों में अच्छे फल लगे हैं, जिससे वह 70,000 रुपये की आमदनी की उम्मीद कर रही है। प्रदान संस्था एवं जिला प्रशासन ने बाजार व्यवस्था के लिए आवश्यक तैयारी की है, जिससे की इन्हें सुगमता से बाजार उपलब्ध हो सके।
आज ललिता भेंगरा गर्व से अपने बगान को देखेती है और कहती हैं कि ‘मेरा खुद का आम बगान‘ का सपना आज सच हो गया।
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