जमशेदपुर तारापोर स्कूल के ख़िलाफ़ भिक्षाटन टला, त्रिपक्षीय वार्ता में अभिभावक के शर्तों पर बनी सहमति

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● शिक्षा सत्याग्रह की शिकायत पर डीएसई ने बुलाई थी त्रिपक्षीय वार्ता, बच्चों को फ़ौरन व्हाट्सएप ग्रूप से जोड़ने का निर्देश

जमशेदपुर। फीस को लेकर एग्रिको जेएच तारापोर स्कूल द्वारा बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई रोकने के मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक के हस्तक्षेप से फिलहाल विरोध टल गई है। मामले में शिक्षा सत्याग्रह संस्था ने बच्चों के समर्थन में भिक्षाटन आंदोलन का ऐलान किया था। मामले में अंकित आनंद की ओर से विभाग को लिखित शिकायत दी गई थी और सूबे के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित डीजीपी से स्कूल मैनजमेंट के ख़िलाफ़ न्याय संगत कार्रवाई का आग्रह किया था। शिकायत पर संज्ञान लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीसी और एसएसपी को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। इधर मामले में कार्रवाई से पहले स्कूल प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक ने एक अवसर देते हुए गुरुवार को विभागीय कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता बुलाया। जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार की अध्यक्षता में आयोजित वार्ता में जेएच तारापोर स्कूल के चैयरमैन बेली बोधनवाला, शिक्षा सत्याग्रह के प्रतिनिधि अप्पू तिवारी, अंकित आनंद और प्रवीण प्रसाद सहित बच्चों के पिता बतौर अभिभावक शामिल हुए। अभिभावक ने अपनी वित्तीय स्थिति और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि एकमुश्त फ़ीस भुगतान करना उनके लिए मुमकिन नहीं है। उन्होंने कुछ मोहलत की माँग करते हुए बच्चों की पढ़ाई पुनः प्रारंभ करने का निवेदन किया। जेएच तारापोर स्कूल के चैयरमैन बेली बोधनवाला ने कहा कि स्कूल प्रबंधन मोहलत देने को तैयार है लेकिन फ़ीस माफ़ी पर फ़िलहाल कोई ठोस आश्वासन नहीं दी जा सकती। कहा कि इसपर स्कूल मैनजमेंट की बैठक में विचार किया जा सकता है। शिक्षा सत्याग्रह की ओर से अंकित आनंद ने कहा कि अभिभावक के आग्रह पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए स्कूल प्रबंधन दरियादिली दिखाये और उन्हें कुछ मोहलत दें ताकि चार-पाँच किश्तों में फ़ीस भुगतान संभव हो सके। इसके साथ ही तारापोर स्कूल प्रबंधन द्वारा नौनिहालों की पढ़ाई रोकने के निर्णय को अमानवीय बताते हुए तत्काल बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने अभिभावक को राहत दिया और चार- पाँच किश्तों में बकाया फ़ीस चुकाने को कहा। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन के चेयरमैन बेली बोधनवाला को डीएसई ने निर्देशित किया कि अविलंब बच्चों को व्हाट्सएप ग्रूप से जोड़ते हुए उनकी पढ़ाई शुरू कर दी जाये तथा प्रबंधन आपस मे बैठक कर के निर्णय ले कि वे अभिभावक को बकाये राशि में कोई वित्तीय राहत देने की स्थिति में है अथवा नहीं। जिला शिक्षा अधीक्षक ने अभिभावक को निर्देश दिया कि वे इस आशय में लिखित आवेदन या शपथ पत्र समर्पित करें जिसपर अविलंब इस प्रकरण में उचित आदेश जारी की जा सके। वार्ता की शर्तों पर अभिभावक ने सहमति जताई। शिक्षा सत्याग्रह ने सम्मानजनक वार्ता के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक को आभार जताया और फ़िलहाल भिक्षाटन आंदोलन को टाल दिया है। संस्था ने कहा कि निर्धारित समयावधि में यदि अभिभावक फ़ीस भुगतान करने में सामर्थ्य नहीं होंगे तो शिक्षा सत्याग्रह मामले में आगे पहल करेगी। शिक्षा सत्याग्रह की ओर से अप्पू तिवारी ने कहा कि फ़ीस के मामलों में स्कूलों को सहानुभूति से विचार करना चाहिए। यह प्रबंधन और अभिभावक के बीच बातचीत से सुलझाया जाये तो बेहतर होगा। फ़ीस के लिए बच्चों को प्रताड़ित करने के निर्णय का समर्थन नहीं किया जा सकता।

 

 

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