रांची -अच्छे दिन आने का विश्वास दिला रहा नीतू नवगीत का नया गीत

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सुन लो कोरोना के बाद आया नया सवेरा

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खेल-तमाशे मस्ती होंगी खुशियां बस्ती-बस्ती होंगी
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रांची,  : वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए लागू लॉकडाउन में लोगों को मोटिवेट करने के लिए लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत एक नए गीत के साथ सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं । नीतू नवगीत मूल रूप से रांची की ही रहने वाली हैं लेकिन आजकल पटना में रहती हैं । नया सवेरा शीर्षक इस गीत के माध्यम से नीतू नवगीत ने लोगों को संकटकाल में धैर्य रखने तथा नई सुबह का इंतजार करने का आग्रह किया है । इस गीत के बोल हैं : दुःख के बादल छंट जाएंगे, संकट के पल मिट जाएंगे, टूटेगा जो भय का घेरा नया सवेरा आएगा, खेल तमाशे मस्ती होंगी खुशियां बस्ती-बस्ती होंगी, बदलेगा जो समय कब फेरा, नया सवेरा आएगा । गीत को नीतू कुमारी नवगीत ने स्वयं लिखा है जबकि राजन कुमार ने इसे संगीतबद्ध किया है । घरेलू कैमरे का इस्तेमाल करके फिल्म का वीडियो बनाया गया है जिसकी एडिटिंग श्रेयांश कुमार ने की है । हिंदी और मैथिली की वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ उषा किरण खान भी इस गीत के वीडियो में नया सवेरा आने का विश्वास दिलाते हुए दिखाई दे रही हैं । इस गीत के बोल सोशल मीडिया पर लोगों को खूब भा रहे हैं ।फेसबुक पर डॉ अभिलाषा पी द्विवेदी ने गीत को बहुत ही मधुर और प्रेरक बताते हुए टिप्पणी की कि कोविड-19 से उपजे संकट काल में हमें इसी आशावादिता की आवश्यकता है ।लोक गायिका नीतू कुमारी नवनीत ने पिछले महीने सुन लो कोरोना, पास में आना तुम को हराएंगे हम, जड़ से मिटाएंगे हम गीत पेश किया था जिसे सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने पसंद किया । गायिका नीतू नवगीत ने कहा कि लॉक डाउन पीरियड में अनेक लोग हताश और निराश भी हो रहे हैं । उनकी कोशिश है कि लोगों को लोकगीतों के माध्यम से उन की लोक संस्कृति से जोड़कर रखें जिससे संकट काल में हिम्मत मिलती है । नया सवेरा गीत सकारात्मक विचारों से ओतप्रोत है और सब को हिम्मत बंधाने वाला है । इस संकटकाल में हमें अपने विश्वास को कम नहीं होने देना है । नीतू नवगीत ने कहा कि यह संकटकाल फिजिकल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का पालन करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ कर अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने का समय भी है ।

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