सुपौल: मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में जानकारी देने के लिये हुई बैठक
रिपोर्ट: सोनू कुमार भगत
सुपौल।
विद्युत सभागार भवन में जिलाधिकारी-सह-प्रधान जनगणना पदाधिकारी द्वारा प्रथम चरण का जिला स्तरीय प्रषिक्षण (मकान सूचीकरण एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रर हेतु) कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। तदोपरांत अपने संबोधन में जिलाधिकारी द्वारा मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में उपस्थित सदस्यों को जानकारी दी गई। बताया कि चूकि यह मानव के रहन-सहन की स्थितियों एवं आवास की कमी के व्यापक आकड़ें उपलब्ध कराती है, परिणामस्वरूप आवास नीतियों तैयार करने में यह अहम भूमिका निभाती है। यह परिवारों को उपलब्ध साधनों सुविधाओं एवं परिसंपतियों के व्यापक आकड़ें उपलब्ध करायेगी जो संघ और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों तथा अन्य गैर सरकारी एजेंसियों को विकास और स्थानीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर योजना बनाने के लिए आधार उपलब्ध करायेगी। भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि भारत की जनगणना 2021 के मकान सूचीकरण एवं मकान गणना चरण के साथ ही छच्त् डेटावेस को अध्तन करने का कार्य भी अप्रैल-सितम्बर 2020 के मध्य किया जायेगा तथा प्रगणक द्वारा प्रत्येक परिवार में जाकर सभी निवासियों के विवरणी की पुष्टि कर के जनसांख्यिकीय आकड़ों को संषोधित/सही कर मौजूदा NPR डेटावेस को अध्तन किया जायगा। बताया गया कि यह जनगणना भारत की प्रथम डिजिटल जनगणना होने के कारण पूर्व की जनगणनाओं से भिन्न है। इस जनगणना में प्रगणनकों को अपने स्वंय के मोबाईल फोन का प्रयोग करते हुए परिवारों में डिजिटल रूप में आकड़ें संकलित करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जनगणना के पहले चरण अर्थात मकान सूचीकरण एवं मकान गणना में मुख्यतः मकानों की स्थिति, परिवर के पास उपलब्ध सुविधाए एवं परिसंपतियों से संबंधित आकड़े एकत्र किए जायेंगें। मकान सूचीकरण से संबंधित आकड़ों को एकत्र करने हेतु Office of The Registrar General,India द्वारा एक मोबाईल एप Census 2021-Houselist विकसित किया गया है। अंत में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य में सभी आमजनों की सफल भागीदारी सुनिष्चित करने हेतु सभी चार्च पदाधिकारियों/सहायक चार्ज पदाधिकारियों को शुभकामना दी तथा मीडिया के माध्यम से सभी जिलावासियों से इस कार्य में सहभागी बनने की अपील की।
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