जमशेदपुर -कृष्ण मानते हैं कि सबको अपने अनुसार जीने का अधिकार – बांके बिहारी

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पांचवें दिन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में घी अधिवास, विधायक सरयू राय हुए शामिल
जमशेदपुर। साकची ठाकुरबाड़ी रोड़ में तीन देवियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सह मंदिर उद्घाटन समारोह के पांचवें दिन सोमवार की सुबह 08.15 बजे से देवी प्रतिमाओं का नित्य पूजन किया गया। पूजन के बाद तीनों देवियों का घी अधिवास किया गया। पूजन का सभी कार्य विधिवत रूप से आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी महाराज के पावन सानिध्य में वेद मंत्र के ज्ञाता 21 पुजारियों की मंडली द्धारा किया जा रहा हैं। सोमवार की पूजा में मुख्य यजमान राजकुमार चंदुका, प्रमोद कुमार अग्रवाल समेत यजमान क्रमशः रामु झाझरिया, अशोक मोदी, पवन देबूका, कमल मवाड़िया, विजय अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, आशीष चैधरी, बाबुलाल जी गर्ग, रामवतार अग्रवाल सभी सपत्नी उपस्थित थे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सह मंदिर उद्घाटन समारोह मे आज भजन संध्या के शुभअवसर पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी शामिल हुए। उन्होंने देवियों की पूजा की और भव्य मंदिर निर्माण के लिए मारवाड़ी समाज की प्रशंसा करते हुए संस्था को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। संस्था के पदाधिकारियों द्धारा विधायक सरयू राय को माता का दुपटटा पहनाकर सम्मानित किया गया। आज शाम को झुंझुनूं से आयी दादी जी की अखंड ज्योत मंदिर पहुॅचने पर भक्तों द्धारा जमकर अतिशबाजी की गयी। अखंड ज्योत को मंदिर में रखा गया हैं। कल नगर भ्रमण में अखंड ज्योत भी शामिल रहेगा।
सोमवार की शाम को मथुरा वासी आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी महाराज ने व्यासपीठ पर आसीन होकर अपनी सुमधुर वाणी एवं भावनात्मक शैली से बाल लीला और फूलों की होली पर की कथा का वर्णन और महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि कृष्ण एक किंवदंति…, एक कथा…, एक कहानी… जिसके अनेक रूप और हर रूप की लीला अद्भुत। प्रेम को परिभाषित करने वाले, उसे जीने वाले इस माधव ने जिस क्षेत्र में हाथ रखा वहीं नए कीर्तिमान स्थापित किए। माँ के लाड़ले, जिनके संपूर्ण व्यक्तित्व में मासूमियत समाई हुई है।
श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के अनेक पहलू हैं। वे माँ के सामने रूठने की लीलाएँ करने वाले बालकृष्ण हैं तो अर्जुन को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर कृष्ण। इस व्यक्तित्व का सर्वाधिक आकर्षक पहलू दूसरे के निर्णयों का सम्मान है। कृष्ण के मन में सबका सम्मान है। वे मानते हैं कि सभी को अपने अनुसार जीने का अधिकार है। आचार्य ने कहा कि सुख तो परमात्मा में ही है, जिसे हर समय याद रखना चाहिए।
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महाराज जी ने लोगों को भक्ति भाव पूर्व में होली पर्व के भाव में बताया। उन्होंने बताया कि समय के साथ होली के आध्यात्मिक मूल के बारे में लोग भूलते जा रहे हैं, जिन्हें लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए। फूलों की होली खेलने के लिए यहां प्रवचन सुनने आये भक्तों के हाथों में रंग-बिरंगे फूल ही फूल दिख रहे थे। श्रद्धालु व आचार्य भक्तिभाव में डूबे रहे। प्रवचन के समापन पर वृंदावन की तरह फूलों की होली खेली गई, जो आकर्षण का केन्द्र रहा। फूलों की होली पर भजन के साथ भक्तों ने नृत्य भी किया।
देवियों का नगर भ्रमण आजः- मंगलवार 25 फरवरी की सुबह नित्य पूजा के बाद 11.15 बजे देवी प्रतिमाओं का भव्य नगर भ्रमण का मंदिर परिसर से शुभारंभ होगा। शोभा यात्रा के संयोजक महावीर अग्रवाल, पवन अगवाल और अशोक मोदी हैं। नगर भ्रमण में मुख्य अतिथि अयोध्या के प्रमुख संत एवं पूर्व सांसद राम विलास वेदांती जी महाराज उपस्थित रहेंगे। मारवाड़ी समाज के विभिन्न सामाजिक एवं घार्मिक संस्थाओं के सैकड़ों गणमान्य लोग शोभा यात्रा में शामिल होगंें, जो साकची के विभिन्न क्षेत्रों से होकर वापस मंदिर पहुॅचेगी। यात्रा के मार्ग में मारवाड़ी समाज के सभी धार्मिक संगठनों के द्वारा यात्रा का स्वागत एवं भक्तजनों की सेवा की जाएगी। इस भव्य शोभा यात्रा मे झुंझुनूं से आयी दादी की ज्योत, दादी की भव्य झांकी, दादी के निशान, माता लक्ष्मी की झांकी, राम दरबार, माता अंजनी की झांकी के साथ ही बाबा श्याम के फाल्गुन उत्सव के उपलक्ष्य मे बाबा श्याम का भव्य दरबार, बाबा श्याम के निशान, फूलों की होली आदि आकर्षण के केन्द्र होगंें। 
बुधवार को प्राण प्रतिष्ठा सह मंगल पाठः- बुधवार 26 फरवरी की सुबह पूजा के बाद सभी देवी प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होगा। इसी दिन दोपहर एक बजे से राणीसती दादी जी का भव्य मंगलपाठ होगा। रात्रि 9 बजे से विराट भजन संध्या शुभारंभ होगा, जो देवियों की इच्छा तक चलेगा। मंगलपाठ का वाचक करने और भजनों की मनमोहक प्रस्तुति देने के लिए ख्याति प्राप्त कोलकाता के कलाकार सौरव-मधुकर की जोड़ी अपनी टीम के साथ शहर आ रहे हैं। बुधवार को सभी भक्त दादी के प्रधान मंदिर झुनझुन धाम से आ रही दादी जी की ज्योति का दर्शन कर सकेंगें, जो विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा। गुरूवार को महाप्रसाद के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा। 

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