देवघर -अब ड्रॉन से फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करने से पहले लेनी होगी जिला प्रशासन से अनुमति….

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देवघर।
उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्रीमती नैन्सी सहाय द्वारा जानकारी दी गयी है कि देवघर जिला अंतर्गत असैनिक कार्यों हेतु Drones के परियोजना का नियंत्रण DGCA भारत सरकार द्वारा Civil Aviation Requirements 1.0 के माध्यम से निर्धारित किया जा चुका है, जो 01.12.2019 से प्रभावी है। भारत सरकार के विमानन मंत्रालय ने कृषि, स्वास्थ्य और आपदा जैसे कार्यां से राहत के लिए ड्रॉन नीति तय की है। वहीं आजकल विभिन्न असैनिक कार्यों, सर्वेक्षण, फोटाग्राफी, वीडियोग्राफी आदि में Remotely Piloted Aircraft Systems (RPAS) अर्थात Drones का प्रयोग काफी बढ़ा है।
ऐसे में सार्वजनिक कार्यक्रम समारोह, पर्यटन स्थलों पर ड्रॉन से फोटो या वीडियो लेने से पहले जिले के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से अनुमति लेनी होगी। साथ हीं नजदीकी थाने को 24 घंटे पहले सूचना भी देनी होगी। अनुमति मिलने के बाद ड्रॉन नीति के गाइड-लाइन के तहत ड्रॉन से फोटो या वीडियो ले सकते है। प्रशासन को बिना सूचना दिए अगर ड्रॉन उड़ाते पकड़े जाते हैं तो जुर्माना और सजा के प्रावधान है।
■ देवघर में प्रभावी ढंग से ड्रोन नीति का होगा अनुपालनः उपायुक्त…..
देवघर में प्रभावी ढंग से ड्रोन नीति का अनुपालन हो, इसको लेकर उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया है। साथ हीं ड्रॉन नीति का अनुपालन जिले में सही तरीके हो, इसको लेकर विशेष सर्तकता और निगरानी का निर्देश भी दिया गया है।
■ नो ड्रोन जोन का करें सभी अनुपालन….
इसके अलावे उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा है कि एयरपोर्ट, राजकीय सीमा, मिलिट्री, स्ट्रेटजिक लोकेशन्स और सचिवालय, सरकारी कार्यालय, प्रतिबंधित क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र आदि इलाकों में ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता है। साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्य के आसपास, पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों में भी पूर्व अनुमति के बिना ड्रॉन नहीं उड़ाया जा सकता।
■ डीजीसीए ने बनाया रेड, येलो और ग्रीन जोन….
डीजीसीए ने रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाया है। रेड लोन वीवीआईपी इलाके होंगे। यह इलाका किसी भी तरह से ड्रोन के लिए प्रतिबंधित होगा। येलो जोन में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की अनुमति लेनी होगी, जबकि ग्रीन जोन मुक्त होगा। नियम की अवहेलना करने वालों पर जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है।

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