जमशेदपुर : झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से पेट्रोलियम डीलरों के ट्रेड लाइसेंस का वार्षिक नवीनीकरण की बोझिल प्रक्रिया की बाध्यता खत्म करते हुए और सरल करने तथा इसे ‘वन टाइम’ करने की मांग की है. बताया कि अन्य राज्यों में यह पांच वर्षों में नवीनीकरण करने का नियम है. एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें तीनसूत्री ज्ञापन सौंपा.
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उनकी अन्य मांगों से मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि ज़िला परिवहन अधिकारी ने पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच हेतु ‘पीयूसी सेन्टर’ नही खोलने पर ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण रोकने की बात कही है. हकीकत यह है कि उक्त सेन्टर स्थापित करने में कई पम्पों में तकनीकी दिक्कतें है. वैसे भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य के कई पंपों में पहले ही पीयूसी सेन्टर स्थापित किया जा चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने पम्प मालिकों से पीयूसी केंद्र से होनेवाले कुल राजस्व का 40 प्रतिशत का राजस्व हिस्सा मांगा है. ऐसा कोई प्रावधान माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित नहीं है और न ही किसी अन्य राज्य में ऐसा किया गया है. इसलिए एसोसिएशन ने मंत्री से उपरोक्त सभी बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने का आग्रह किया है. मंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपनेवालों में एसो. के अध्यक्ष अरुण कुमार सहित कुणाल कर, रवि भौतिक, स्टीवन रोड्रिग्ज, सोमा उराव, नवनीत कुमार, विक्रम मुर्मू, सुंदर मुर्मू, शैबाल दत्ता, सुरेंद्र सोनी सहित कई सदस्य शामिल थे.
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