पटना।9वीं बटालियन एनडीआरएफ द्वारा बिस्कोमान भवन, पटना में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से भूकम्प सुरक्षा पर आधारित एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।इस मॉक ड्रिल में बिस्कोमान भवन में मौजूद सभी कार्यालयों जैसे- बिस्कोमान कार्यालय, पंचायती राज कार्यालय, डीटीओ, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, जीविका कार्यालय आदि के सभी कार्मिकों के अतिरिक्त भूतल परिसर के छोटी दुकानों के लोग एवं सरकारी कार्यालयों में मौजूद नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
बुधवार को दोपहर लगभग 1230 बजे अचानक पूरे बिस्कोमान भवन में एक साथ सायरन की आवाज़ गूंजने लगी जिसे सुनकर वहां मौजूद आगंतुक अचंभित हो गए। किन्तु कार्यालय के कार्मिकों ने तुरंत ही झुको, ढको और पकड़ो की करवाई की। भवन और परिसर में मौजूद एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने बाकी लोगों को बताया कि यह भूकम्प सुरक्षा सम्बंधित मॉक ड्रिल है आप सभी घबड़ाये नहीं बल्कि झुको, ढको और पकड़ो की कार्यवाही करें। जब तक सायरन बज रहा है तब तक अपने कमरे से बाहर निकलने का प्रयास ना करें। करीब एक मिनट तक भूकम्प के झटके का प्रतीक सायरन बजता रहा। इसके बाद सभी लोग अपने सिर को अपने हाथों से ढकते हुए भवन से एक-एक कर बाहर निकले और गांधी मैदान में बनाए गये असेम्बली एरिया में कतारबद्ध होकर खड़े हो गए। बिस्कोमान भवन के सभी मंजिल के बनाए गए नोडल ऑफिसर ने अपने मंजिल पर मौजूद कार्मिकों की गणना की और वहाँ मौजूद इंसिडेंट कमान्डर को इसकी जानकारी दी।
बिस्कोमान भवन में फँसे लोगों को सुरक्षित निकालने तथा अस्पताल-पूर्व चिकित्सा देने का अभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम श्री कुमार बालचन्द्र, उप कमान्डेंट के नेतृत्व में बिस्कोमान भवन के 12वीं मंजिल में फँसे लोगों को ‘रोप रेस्क्यू तकनीक’ से सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया। इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पुलिस, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस तथा बिस्कोमान भवन के कार्मिकों ने उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दौरान नाट्य मंडली प्रस्तुति के द्वारा भूकम्प सुरक्षा पर एक रोचक, मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया।
श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट ने बताया कि में बिहार राज्य में मनाये जा रहे भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत 9वीं बटालियन एनडीआरएफ द्वारा लोगों को भूकम्प सुरक्षा पर लगातार जागरूक किया जा रहा है ताकि वास्तव में यदि भूकम्प आपदा आती है तो जानमाल का नुकसान न हो।
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