रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सबसे भ्रष्ट सीएम बताने वाले मंत्री
चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे की कुर्सी पर तलवार लटक रही है। झामुमो के
कड़े तेवर के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें फटकार लगाई है। प्रदेश
कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद पूरे प्रकरण से उखड़े हुए हैं। कयास
लगाया जा रहा है कि दुबे को मंत्रिमंडल से किसी वक्त हटाने का फरमान जारी
हो सकता है। हरिप्रसाद के स्तर से ही पूरे मामले की मॉनीटरिंग की जा रही
है। संकट ऐसे ही बरकरार रहा तो दुबे की कुर्सी चली जाएगी। हालांकि मौके
की नजाकत को भांपते हुए ददई दुबे अब अपने बयान से पलट गए हैं। उनका कहना
है कि मंत्रिपरिषद में रहते हुए वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विरोध
नहीं कर सकते। अलबत्ता उनका कहना है कि हर जरूरतमंद को बालू उपलब्ध
कराने, अवैध खनन रोकने और मदरसों को अनुदान दिए जाने के वे हिमायती हैं।
मुख्यमंत्री को सरकार का मुखिया होने के नाते इन विषयों का निराकरण करना
चाहिए। इसमें जहां कहीं उनके सहयोग की आवश्यकता होगी, वे तैयार हैं। 1उधर
झामुमो नेतृत्व इस मसले पर लगातार दबाव बनाए हुए है। पार्टी ने कांग्रेस
को निर्णय लेने के लिए मोहलत तो दी है लेकिन दुबे के खिलाफ नरमी बरतने के
मूड में कतई नहीं है। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडेय ने
‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में कहा कि गेंद कांग्रेस नेतृत्व के पाले में
है। गठबंधन की सरकार है, लिहाजा अपने कोटे के मंत्री को हटाने का निर्णय
लेना कांग्रेस का काम है। ठोस कार्रवाई का भरोसा मिला है। अगर कांग्रेस
ने ददई दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो झामुमो का उच्चस्तरीय
शिष्टमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उनसे कार्रवाई करने का
आग्रह करेगा।
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