जमशेदपुर – मंत्री सरयू राय नें जल संसाधन विभाग, स्वर्णरेखा बहुउद्देश्य परियोजना तथा पथ निर्माण विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक

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जमशेदपुर।झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने आज अपने बिष्टुपुर स्थित आवास पर सुबह 10 बजे जल संसाधन विभाग, स्वर्णरेखा बहुउद्देश्य परियोजना तथा पथ निर्माण विभाग के वरीय अधिकारियों और अभियांताओं की एक बैठक कदमा, शास्त्रीनगर के पीछे खरकई नदी तट पर बनायी जा रही सड़क के निर्माण को सुदृढ़ करने और सड़क निर्माण के दौरान टूटने की जद में आ रहे करीब 45 मकानों को सुरक्षित रखने के विषय में विचार किया गया। बैठक में स्वर्णरेखा परियोजना के प्रशासक श्री गजमोहन कुमार (आईएएस) और मुख्य अभियंता, प्रशासक के तकनीकि सचिव, जल संसाधन विभाग के अभियंता अरविंद सिंह तथा पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एन सहाय के साथ ही सड़क के डिजाइन से संबंधित वरीय अभियंता उपस्थित थे।
बैठक में पथ निर्माण के साथ साथ रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के बारे में विचार के क्रम में यह बात सामने आयी कि उस स्थल पर नदी के घुमाव को देखते हुए नदी तट को सुदृढ़ रखने और नदी के पर्यावरण को बनाये रखने के साथ ही संबंधित सड़क पर चलनेवाली वाहनों की गति के कारण उपजने वाली उध्र्व, क्षैतिज एवं तिरक्षे बलों के प्रभाव का आकलन किया जाना जरूरी है। निर्णय हुआ कि जल संसाधन विभाग और पथ निर्माण विभाग के अभियांताओं की एक संयुक्त टीम गठित जाय जो वहाँ के जल विज्ञान तथा पथ निर्माण के साथ सुदृढ़ करने के बारे में तकनीकी अध्ययन करेगी और आवश्यक सलाह देगी। इसके बाद नदी तट सुदृढ़ीकरण के लिये डिजाइन का वैधानिक तकनीकी के आधार पर निर्माण का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही आदित्यपुर की ओर की नदी तट पर आने वाली सड़क के निर्माण की क्या प्रतिक्रिया होगी इसका पता कर इस बारे में भी तकनीकी सलाह देगी। खरकई नदी में आदित्यपुर से लेकर टोल ब्रिज के बीच के हिस्सों में किन-किन बिंदुओं पर किस प्रकार के कटावरोधी और सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है, इसे देखते हुए पथ निर्माण की डिजाईन में संबंधित संशोधन किये जाएंगे ताकि जमशेदपुर में तैयार हो रही नदी तट सड़क की परियोजना भविष्य के लिए अधिक आकर्षक और उपयोगी हो सके।
मंत्री सरयू राय ने बैठक में मौजूद अभियांताओं से कहा कि जब भी कोई तकनीकी कार्य प्रारंभ होते हैं तो उसके इंजीनियरिंग समाधान हेतु संबंधित विभागों के द्वारा समन्वयित कार्य योजना बनायी जानी चाहिए। इसका अभाव योजनाओं की उपयोगिता को कम कर देता है और भविष्य में इसके कारण अनावश्यक भेदभाव बढ़ता है। टाटा स्टील द्वारा बनायी गयी मैरीन ड्राईव रोड के निर्माण के आरंभ से लेकर अब तक जो भी समस्याएं नदी तट को सुदृढ़ीकरण करने और मैरीन ड्राईव पथ के स्थायीकरण में आई है उन पर भी विचार किया जाना आवश्यक है और उसके आलोक में संबंधित तकनीकी कदम उठायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नदी के किनारे सुंदर पथ निर्माण भी हो और नदी तट का सौंदर्यीकरण भी हो और साथ ही कोई मकान टूटे नहीं इसी उद्देश्य से समस्त संरचनाओं का निर्माण होना चाहिए।

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