कार्यालय निरीक्षण की सूचना और अनुमति नहीं देने पर आरडीडीई ने डीएसई और डीईओ को किया नोटिस
● सूचना का अधिकार आवेदन दायर कर भाजपा नेता अंकित आनंद ने डीएसई और डीईओ से कार्यालय निरीक्षण की तिथि निर्धारित करने का किया था आग्रह
जमशेदपुर।आम नागरिकों को सरकारी कार्यालय के दस्तावेजों, अभिलेखों के निरीक्षण का अधिकार है। सरकारी दफ्तरों के विभागीय कार्यपद्धति में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में सूचना का अधिकार क़ानून कि धारा 2(ञ)(1) आम नागरिकों को यह अधिकार देती है। इसी क़ानून के तहत तीन माह पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त मनमानी और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की कवायदों में लंबे समय से प्रयासरत भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता और शिक्षा सत्याग्रह आंदोलन से जुड़े अंकित आनंद ने जमशेदपुर शिक्षा विभाग के निरीक्षण का आग्रह किया था। अंकित आनंद ने जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित अनुरोध करते हुए कार्यालय निरीक्षण के लिए समय निर्धारित करने को कहा था। निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों से जुड़े दस्तावेजों, अभिलेखों के प्रकटीकरण का आग्रह किया गया था। सूचना का आवेदन दायर करने के तीन माह बीतने के बाद भी अबतक जिला शिक्षा विभाग की ओर से कार्यालय निरीक्षण के मामले में तिथि निर्धारित नहीं किया गया है। इस मामले में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के समक्ष प्रथम अपील किये जाने बाद आरडीडीई ने संज्ञान लिया है। उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को नोटिस जारी करते हुए सम्बंधित संचिकाओं और दस्तावेजों के संग प्रथम अपील की सुनवाई में हाज़िर रहने का निर्देश दिया है। प्रथम अपील की सुनवाई 12 जून को दोपहर 1:20 बजे से चाईबासा में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय कक्ष में निर्धारित है। इधर गुरुवार को अपीलकर्ता अंकित आनंद को भी ई-मेल के जरिये आरडीडीई कार्यालय की ओर से सम्बंधित नोटिस प्राप्त हुई है।
● क्यों माँगी गयी थी कार्यालय निरीक्षण की अनुमति :
भ्रष्टाचार के विरुद्ध विस्सल ब्लोअर की भूमिका निभाने वाले अंकित आनंद ने जमशेदपुर शिक्षा विभाग में कई योजनाओं और विषयों में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए विभाग के वरीय अधिकारियों से निरीक्षण के लिए तिथि निर्धारित करने का निवेदन किया था। इसके लिए बीते 28 मार्च को डीएसई और डीईओ को पत्र लिखा था। वर्ष 2018 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक बाँके बिहारी सिंह ने एक सूचना का अधिकार आवेदन का ज़वाब देते हुए अंकित आनंद को लिखित में कहा था कि वे किसी भी कार्यदिवस पर कार्यालय अवधि के दौरान कार्यालय और आवश्यक दस्तावेजों का निरीक्षक कर सकतें हैं। इसी पत्र का जिक्र करते हुए अंकित आनंद ने डीएसई और डीईओ से सहयोग का आग्रह कर कार्यालय निरीक्षण की तिथि निर्धारित करने का निवेदन किया था। फ़िलहाल इस मामले में विभाग ने लटकाने, अटकाने और भटकाने की प्रवृत्ति से किसी प्रकार का ज़वाब नहीं दिया। समयावधि बीतने पर आवेदक ने कोल्हान के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक नारायण प्रसाद विश्वास के समक्ष प्रथम अपील दायर किया था। प्रथम अपील आवेदन पर संज्ञान लेते हुए आरडीडीई ने ज़िले के डीएसई और डीईओ को उपस्थित होने का निर्देश ज़ारी किया है।
● इन दस्तावेजों के निरीक्षण हेतु किया गया था आवेदन
अंकित आनंद ने अपने पत्र में दस बिंदुओं पर आग्रह करते हुए निरीक्षण के लिए समय निर्धारित करने का निवेदन किया था। इनमें सरकारी और निज़ी स्कूलों में संचालित कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावे सभी स्कूलों को निर्गत यू-डायस कोड से जुड़े प्रपत्र, मध्यान भोजन योजना, शिक्षा का अधिकार योजना के अतिरिक्त जिला शिक्षा विभाग के अंतर्गत हुए सभी तरह की योजनाओं, कार्यों, निविदाओं, नियुक्तियों, पदस्थापना, कार्यवाई से सम्बंधित दस्तावेज़, जमशेदपुर शिक्षा विभाग से जुड़े न्यायालय में चल रहे सुनवाई और मामलों से जुड़े फाइलों के अलावे झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण से प्राप्त आदेशों और दस्तावेजों के निरीक्षण की माँग की गयी थी। भाजपा के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद में कहा कि यदि निरीक्षण की अनुमति मिले तो वर्षों से शिक्षा विभाग में व्याप्त मनमानियों, अनियमितता का उद्भेदन संभव हो सकेगा। आम नागरिकों को क़ानून के तहत किसी भी सरकारी योजनाओं, कार्यों और दस्तावेजों के निरीक्षण और उसका प्रमाणित नमूना प्राप्त करने का अधिकार है। दावा किया कि जमशेदपुर के दो दर्ज़न से अधिक नामी स्कूल बग़ैर आरटीई के मान्यताओं के संचालित हैं, वहीं विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं में भी गड़बड़ी की संभावना है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान निरीक्षण की अनुमति मिलेगी।
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