हर गुरुद्वारा कमेटी 550 पेड़ लगाएं
जमशेदपुर. गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर साहब पटना प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष एवं इंटरनेशनल साइकिलिस्ट ने सिखों को प्रकृति के साथ जुड़ने का आह्वान किया है. उनके अनुसार सिख समुदाय ने संयुक्त बिहार अर्थात बिहार एवं झारखंड में साढे पांच लाख पौधे लगाने का प्रण किया है. उन्होंने बताया कि इस साल सिख समुदाय गुरु नानक देव जी की 550 वा प्रकाश दिवस मना रहा है. गुरु नानक देव जी के शब्द, ” पवन गुरु, पानी पिता, माता धरती”, का सिमरन उनका सिख प्रतिदिन सुबह-शाम करता है. गुरु नानक देव जी ने अपने सिखों को प्रकृति की अर्थात परमेश्वर की रजा में ही रहने का हुक्म दिया है. प्रकृति ही सिख पंथ की विश्वास का आधार है. लेकिन बदकिस्मत से सिख ही नहीं वरन समस्त मानव जाति प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रही है. जिससे पर्यावरण में असंतुलन हो रहा है और तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है .
सरदार इंदरजीत सिंह के अनुसार प्रकृति ही समस्त जीवो के जीवन का आधार है और ऐसे में हम सब कुछ प्रकृति से ही प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन हम देखें बदले में वापस हम क्या कर रहे हैं. क्योंकि सिख पंथ का प्रकृति ही आधार है ऐसे में सिक्ख समाज ने गुरु नानक देव जी की 550 वीं जयंती को यादगार बनाने का फैसला किया है. सिखों के सभी महान तख्त से यह आदेश जारी हुआ है कि प्रत्येक सिख परिवार पौधारोपण करें और इसे जीवन में अपना एक मिशन भी बनाएं.
उन्होंने बताया कि बिहार एवं झारखंड में एक सौ से ज्यादा गुरुद्वारा कमेटियां हैं और प्रत्येक गुरुद्वारा कमेटियों से उन्होंने 550 पेड़ लगाने का आग्रह किया है. उन्होंने सिख परिवार से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार में यदि जन्मदिन मना रहे हैं तो उसे यादगार बनाने के लिए भी आसपास के खुले मैदान या स्थान में नीम पीपल आम जामुन अथवा कोई भी पौधा जरूर रोपे और उसकी रखवाली बच्चों की तरह करें.
उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के कारपोरेट हाउस एवं वन विभाग से संपर्क कर पौधा की आपूर्ति गुरुद्वारा कमेटियों को सुनिश्चित कराई जाएंगी और गुरुद्वारा कमेटी प्रत्येक पर्व त्यौहार में श्रद्धालुओं को पौधा भी बतौर प्रसाद प्रदान करें. घरों में भी गमलों में उन्होंने छोटे-छोटे पौधे लगाकर हरियाली भरा माहौल देने का भी अनुरोध संगत से किया है.
प्रधान इंद्रजीत सिंह उक्त विचार साकची स्थित कैंप कार्यालय में रख रहे थे जहां बुधवार को पर्यावरण दिवस मनाया गया और प्रकृति की रक्षा का संकल्प भी लिया गया
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