जमशेदपुर।
वर्तमान सासंद विधुत वरण महतो का राजनिती जीवन काफी कठीन रहा है। बहुत कम लोगो को जानकारी है कभी वे ईचागढ से भीअपना भाग्य आजमा चुके है। लेकिन उन्हे हार का सामना करना पडा था। लेकिन फिर भी कभी हार नही मानी और जनता के बीच बने रहे।जिसका नतीजा यह निकला कि वे जमशेदपुर के सासंद बने और एक बार फिर उनकी कुशव व्यवहार के कारण भाजपा ने उनपर फिर भरोसा जताया।
पहली बार ईचागढ से लड़े थे चुनाव
पहली बार विधुतवरण महतो झारखंड मुक्ती मोर्चा के टिकट पर ईचागढ से 1999 से चुनाव लड़ा था।लेकिन उन्हे इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।उसके बाद उन्होने अपना किस्मत बहारागोड़ा विधानसभा से फिर 2004 में झारखंड मुक्ती मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा। लेकिन इस चुनाव में उन्हे दिनेश षाडंगी के हाथो पराजय का सामना करना पड़ा। उसके बाद भी वे हिम्मत नही हारे और 2009 में फिर चुनाव लड़ा और तत्कालीन स्वास्थय मंत्री दिनेश षाडंगी के हरा कर पहली बार झारखंड विधानसभा मे कदम रखा। उनके कुशल व्यवहार के कारण भाजपा ने 2014 में टिकट देकर जमशेदपुर से अपना उम्मीदवार बनाया। जहां उन्होने निर्वतमान सासंद डॉ अजय कुमार को 99 877 मतो से हराकर जमशेदपुर के लोकसभा सीट पर कब्जा किया ।
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