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Home » पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत, दर्जनों की संख्या में लोग घायल
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पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत, दर्जनों की संख्या में लोग घायल

BJNN DeskBy BJNN DeskOctober 4, 2014Updated:October 4, 2014No Comments6 Mins Read
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सवाददाता.पटना,02 अक्टुबर

पटना के गांधी मैदान में दशहरे के मौके पर आज शाम मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

पुलिस ने बताया कि राजधानी पटना के गांधी मैदान से ‘रावण वध’ देखकर वापस लौटने के दौरान यह भगदड़ मची। बिहार के गृह सचिव आमिर सुभानी ने बताया, ’32 लोगों की मौत हुई है।’ अधिकारियों में बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

घायलों को पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक भगदड़ तब मची जब मेले से लौटती भीड़ में किसी ने बिजली का तार गिरने की अफवाह उड़ा दी। सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों को तीन लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है।
यहां का मंजर गवाह है कि पटना में हुआ हादसा कितना खौफनाक था। शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में दशहरे पर रावण के पुतला दहन का पारंपरिक क्रार्यक्रम खत्म हुआ। मैदान में मौजूद लगभग 5 लाख की भीड़ गांधी मैदान के अलग-अलग रास्तों से निकल रही थी। मैदान के दक्षिणी छोर से सटे राम गुलाम चौराहे पर पहले से ही भीड़ मौजूद थी। इसी दौरान भीड़ में जाने कहां से अफवाह उड़ गई कि बिजली का हाईवोल्टेज तार टूट कर गिर गया है। फिर क्या था इसके बाद जो भगदड़ मची तो सड़क लाशों और जख्मियों से पट गई।
पटना में रावण दहन के इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री जीतन मांझी और कुछ दूसरे मंत्री भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री पारंपरिक तौर पर हर साल इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं। हादसे से जरा देर पहले ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों का काफिला वहां से निकला था। पुलिस प्रशासन भी नेताओं के अमले को ही विदा करने में लगा था, जिसकी वजह से भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। देर से सक्रिय हुए प्रशासन ने सरकारी और प्राइवेट गाड़िय़ों से जख्मियों और लाशों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल पहुंचाया। दूसरी ओर लोग बदहवास देर तक अपनों को तलाशते रहे। प्रशासन की सफाई है कि भीड़ जरूरत से ज्यादा थी जिसके चलते हादसा टाला नहीं जा सका।
इससे पहले 2012 में छठ के मौके पर पटना के अदालत घाट पर भी भगदड़ की ऐसी ही घटना हुई थी। उस हादसे में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। हादसा गंगा नहीं पर बने अस्थायी पुल के टूटने के बाद हुआ था। सवाल है कि क्या पटना के प्रशासन ने पुरानी घटनाओं से सबक नहीं लिया? इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं थे? क्या वीआईपी इंतजाम में लगी पटना पुलिस को आम लोगों की फिक्र नहीं थी?
विजयदशमी पर इस दुखद घटना के बाद पटना के लोगों में बेहद गुस्सा है। लोगों का आरोप है कि हादसे की वजह प्रशासन की बदइंतजामी थी। यही नहीं हादसे के बाद जल्दी मदद न मिलने का भी लोगों ने आरोप लगाया। जब गांधी मैदान में भगदड़ मची थी, लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे। चीख-पुकार मची थी। उस वक्त गांधी मैदान में प्रशासन ना के बराबर था। अफरातफरी के बाद जब लोगों ने खुद को संभाला तब अपनों की चिंता हुई। लोग अपनों को तलाश रहे थे। भीड़ में बिखरे चप्पलों में अपने परिजनों के निशान तलाश रहे थे। उस वक्त उनकी मदद के लिए प्रशासन से जुड़़ा एक भी शख्स मौजूद नहीं था। घटना के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग चीख-चीखकर कह रहे थे कि घटना के वक्त प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ था।
अब सुनिए आखिर क्यों मची ये भगदड़। चश्मदीदों के मुताबिक दो घटनाओं ने इस खौफनाक हादसे की जमीन तैयार की। पहला, एक चश्मदीद ने बताया कि गांधी मैदान में आयोजन स्थल को छोड़कर बाकी जगह पर रौशनी का इंतजाम ही नहीं था। जो लोग मैदान से बाहर जा रहे थे, उनके लिए कोई लाइट नहीं लगी थी। एक बार जब अफरातफरी मची तो अंधेरा होने की वजह से लोग एक दूसरे को कुचलते हुए आगे निकलने लगे, क्योंकि उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा था।
हादसे की दूसरी वजह है एक अफवाह। एक चश्मदीद ने बताया कि दो लोगों ने बिजली का तार गिरने की अफवाह फैलाई और फिर भगदड़ मच गई। जबकि प्रशासन का कहना है कि लोग तेजी से निकलना चाहते थे, इसलिए भगदड़ मच गई।
लोगों ने ये भी बताया कि दशहरे के मौके पर जुटी इतनी भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की थी। यहां तक कि गांधी मैदान से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त गेट भी नहीं बनाए गए थे। गांधी मैदान के अलावा अस्पतालों के बाहर जुटे लोगों में भी खासा गुस्सा दिखा।
घायलों को पटना के मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में दाखिल कराया गया है। यहां हादसे के बाद से अफरा तफरी का माहौल है। अपनों की तलाश में परिजन परेशान हैं। अस्पताल परिसर में गुस्साए लोगों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। लेकिन अस्पताल प्रसासन के मुताबिक फिलहाल उनकी कोशिश है कि जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं उनका सही इलाज करना। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मोदी-लालू-नीतीश ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया- पटना में हुई भगदड़ बेहद अफसोसनाक है। मैंने बिहार के मुख्यमंत्री से बात की है। जिन लोगों ने हादसे में जान गंवाई उनके पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना और घायलों के लिए दुआएं।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने घटना पर अफसोस जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा- पटना में रावण दहण के दौरान हुई भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बहुत दुःखी और मर्माहत हूं। अस्वस्थ होने के कारण नहीं पहुंचने पर बहुत अफ़सोस है। गांधी मैदान भगदड़ की घटना प्रशासनिक चूक का मामला लगता है। दोषी अधिकारीयों पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। हम पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हमारी शुरू से मांग रही है कि गांधी मैदान की घेराबंदी को नीचा किया जाए और प्रवेश व निकास द्वार ज्यादा से ज्यादा संख्या में होने चाहिए।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फेसबुक पर संदेश देकर घटना पर दुख जताया है। नीतिश ने लिखा- पटना गांधी मैदान में, आज शाम रावणवध कार्यक्रम के बाद लौटती भीड़ में हुई भगदड़ में अनेक लोगों की हुई मौत से मुझे गहरा आघात लगा। यह अत्यंत दुखद और मार्मिक घटना है। प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। इस घटना की तत्काल उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत-मुआवजा मिले ही, साथ ही घायलों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था की जाय ।।
वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने बताया कि सरकार ने मृतक के परिजनों को मुआवजा के तौर पर तीन-तीन लाख रुपये देने की घोषणा की है तथा पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) को घायलों को उचित तरीके से इलाज करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी घायलों को पीएमसीएच में भर्ती करा दिया गया है। उन्होंने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।

मुख्यमंत्री ने घटना की जांच का आदेश दिया है। गृह सचिव और एडीजी घटना की जांच करेंगे।

हेल्पलाइन नंबर:

हादसे के बाद पटना प्रशासन ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिनसे पीड़ितों के बारे में जानकारी ली जा सकती है–

0612-2219810 और 09431800675

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