संवाददाता.जमशदेपुर,29 सितबंर,
सेन्ट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव सोमवार को झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह की देखरेख में सम्पन्न हुआ। चुनाव में सर्वसम्मति से सरदार इन्द्रजीत सिंह को सीजीपीसी का प्रधान चुन लिया गया। इस बीच चुनाव स्थल के बाहर खड़े गुरमुख सिंह मुखे के समर्थकों ने नारेबाजी की और पूर्व प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह तथा सरदार इन्द्रजीत सिंह के खिलाफ नारे लगाये गये। नारेबाजी का असर यह हुआ कि सरदार इन्द्रजीत सिंह के समर्थक भी नारेबाजी करने लगे। एक तरफ मुर्दाबाद तो दूसरी तरफ जिन्दाबाद के नारे गूंजने लगे। चूंकि गुरमुख सिंह मुखे के पास ताकत और समर्थक ज्यादा नहीं थे, इसलिए मामले ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा।
चुनाव के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि चुनाव बस औपचारिकता थी क्योंकि पहले ही 34 में से 32 गुरुद्वारा कमिटियों ने सरदार इन्द्रजीत सिंह के पक्ष में लिखित रूप से अपना समर्थन जता दिया था और समाज की प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी अपनी रजामंदी दे दी थी। इसके बावजूद शिष्टाचार के नाते पूछा गया कि कोई विरोध में हैं तो बताये तो रिफ्यूजी गुरुद्वारा के एक प्रतिनिधि ने हाथ जरूर उठाया लेकिन उसके साथ कोई गुरुद्वारा कमेटी का समर्थन नहीं था इसलिए उनके दावे को खारिज कर दिया गया।
सीजीपीसी चुनाव में यह प्रावधान है कि प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाले के पक्ष में कम से कम छह गुरुद्वारा कमिटियों का समर्थन होना चाहिए। इस बीच गुरमुख सिंह मुखे का चुनाव के बाद निलंबन वापस ले लिया गया, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत एक साल का निलम्बन किया गया था, वह मियाद पूरी हो गयी थी। जानकारों का कहना है कि निलम्बन वापस तो हो गये लेकिन आज की घटना के बाद फिर से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।
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