रांची।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं. बच्चों का सर्वांगीण विकास हो यह सरकार की प्राथमिकता है. राज्य में सभी वर्ग के बच्चों के अधिकारों के रक्षा के लिए राज्य में बाल संरक्षण आयोग का गठन किया गया है. पिछले 4 वर्षों से झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग राज्य सरकार के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर बच्चों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखण्ड मंत्रालय के सभागार में आयोजित झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के ऑफिसियल वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर अपने संबोधन में कहीं.
वेबसाइट पोर्टल सरकार, आयोग एवं समाज के बीच सेतु
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आयोग के अपने वेबसाइट पोर्टल होने से राज्य के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी बच्चों के अधिकारों से संबंधित शिकायत आयोग के समक्ष रख सकेंगे. वेबसाइट सरकार, आयोग एवं समाज के बीच एक सेतु का कार्य करेगी. वेबसाइट पोर्टल के माध्यम से लोग बच्चों के अधिकारों से संबंधित शिकायत सीधे ऑनलाइन आयोग तक रख पाएंगे. आयोग में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए समाधान किया जा सकेगा. साथ ही साथ राज्य सरकार के पास आयोग के कार्यों का फीडबैक भी मिल सकेगा.
राज्य से पलायन रोकना मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में बाल संरक्षण आयोग का गठन करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि राज्य से पलायन पूर्ण रूप से रुके. उन्होंने कहा कि झारखंड में ट्रैफिकिंग की समस्या बहुत बड़ी चुनौती है. रोजगार की तलाश में कम उम्र में ही बच्चे बच्चियां झारखंड से पलायन कर दूसरे राज्यों के बड़े-बड़े शहरों में चले जाते हैं. राज्य सरकार हर हाल में पलायन रोकने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. बाल संरक्षण आयोग भी प्रतिबद्धता के साथ राज्य के सभी जिलों में आपसी समन्वय स्थापित कर पलायन रोकने का कार्य कर रही है. हम सबों को ट्रैफिकिंग के विरूद्ध और तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है.
बच्चों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ें
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू कर जो बच्चे झारखण्ड लाया जाते हैं उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार इसकी कर रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है. उन्होंने आयोग को निर्देशित किया कि वैसे सभी बच्चों का लिस्ट बनाकर आयोग राज्य सरकार को सौंपे जो रेस्क्यू कर आए हैं और रोजगार की तलाश में हैं. जो बच्चे बच्चियां आगे पढ़ाई करना चाहती हैं उन्हें भी राज्य सरकार शिक्षित करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग रेस्क्यू से वापस आई 16 से 18 वर्ष के उम्र की लड़कियों को कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने पर अधिक जोर दें.
मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का प्रचार प्रसार व्यापक रूप से करें
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और बेरोजगारी के कारण बच्चियां सातवी आठवीं क्लास के बाद ड्रॉप आउट हो जाती हैं. ड्रॉप आउट होने के बाद कम उम्र में ही बच्चियों की शादी हो जाती है. ड्रॉपआउट और कम उम्र में शादी की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा राज्य में “मुख्यमंत्री सुकन्या योजना” की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत बच्चियों के जन्म से 2 साल उम्र में मां के खाते में सीधे ₹5 हजार की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है. बच्चियों के पहली कक्षा में नामांकन के समय ₹5 हजार की सहायता राशि दी जाएगी. इसी प्रकार 5वीं, 8वीं, 10वीं कक्षा के उत्तीर्ण होने के बाद 5-5 हजार की सहायता राशि सीधे बच्चियों के खाते में राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी. बच्चियों के 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 10 हजार की वित्तीय सहायता राशि राज्य सरकार देगी. इसके पश्चात बच्चियां 18 वर्ष की उम्र में अगर अविवाहित हैं तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से उनको ₹30 हजार की प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण आयोग को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का प्रचार-प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक तरीके से करें. ताकि अधिक से अधिक लोगों को मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ मिल सके और बच्चियों के समग्र विकास में आर्थिक सहायता मिल सके.
राज्य से गरीबी समूल नष्ट करना लक्ष्य
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य से गरीबी को समूल नष्ट करना सरकार का लक्ष्य है. राज्य में व्याप्त गरीबी तभी समूल नष्ट होगी जब विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं एवं एनजीओ राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर गरीबी उन्मूलन हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें. उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संस्थाएं सामाजिक विकास की आत्मा होती हैं. बच्चों के विकास के लिए आप निरंतर कार्य करते रहें सरकार आपके साथ है.
झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती आरती कुजूर ने स्वागत संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के नेतृत्व में बाल संरक्षण आयोग बच्चों के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. झारखंड से कम उम्र में बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए आयोग गंभीरता पूर्वक कार्य कर रही है. राज्य में पहली बार सरकार द्वारा बाल बजट का प्रावधान किया गया है. बाल बजट के प्रावधान करने से सभी वर्गों के बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा. तकनीकी के इस युग में वेबसाइट पोर्टल के माध्यम से मिलने वाले शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई आयोग द्वारा की जा सकेगी. उन्होंने वेबसाइट पोर्टल के लॉन्च होने पर राज्य सरकार और प्लान इंडिया को धन्यवाद ज्ञापित किया. श्रीमती आरती कुजूर ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री का आयोग के कार्यक्रम में आना यह दर्शाता है कि राज्य के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु मुख्यमंत्री कितने प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव श्री अमिताभ कौशल, झारखंड बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री बबन गुप्ता, श्री भूपेंन साहू, श्री अनहद लाल, प्लान इंडिया के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संस्थान, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि सहित अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
Comments are closed.