चिटफंड किंग सह 1500 करोड़ ठगी कर भागने के आरोपी कमल सिंह को पकङने में जिला पुलिस विफल

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कमल का भागा एक साल पुरा,लोगे में आक्रोश,

संतोष अग्रवाल जमशेदपुर 24 सितबंर

जमशेदपुर के जादूगोड़ा  थाना क्षेत्र के चिटफंड किंग सह 1500 करोड़ ठगी कर भागने के आरोपी कमल सिंह और उसका भाई दीपक सिंह को जादूगोड़ा से भागे हुए पूरे एक साल हो चुके है लेकिन कमल सिंह को पुलिस प्रशासन अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है ।

कमल का पूरा इतिहास छोटी सी दुकान से अरबपति का सफर

कमल सिंह के पिता मुनमुन सिंह जादगोङा स्थित यूसिल कंपनी मे चालक के पद पर कार्यरत थे सेवानिवृति के बाद उनके बड़े बेटे कमल को यूसिल नरवापहाड़ मे ब्लास्टर की नौकरी मिली नौकरी के साथ व्यवसाय मे कदम रखते हुए सबसे पहले 2007 मे उसने मोबाइल रिचार्ज कूपन और सिम बेचने का धंधा शुरू किया वह उस समय एक आम आदमी था इसी दौरान उसने चिटफंड का धंधा शुरू किया उस समय वह ग्रूप चिटफंड खेलाता था इस दौरान उसने राज केक & वेराइटी दुकान खोली उसका दुकान चलने लगा तो 2008 से उसने जमा राशि पर पाँच प्रतिशत ब्याज देने का लालच यूसिल कर्मियों को दिया सबसे पहले उसने नरवा क्षेत्र से धन लेना शुरू किया और प्रत्येक माह समय पर अपने सहयोगीयो को ब्याज देना प्रारम्भ कर दिया इससे लोगो के बीच उसकी साख बनती चली गयी और यही से उसका चिटफंड किंग बनने का सफर प्रारम्भ हो गया इसके बाद उसने कई फर्म और कंपनी खोला सबसे पहले राज रेस्टुरेंट खोला इसके बाद उसने अपने चिटफंड कार्य के लिए एजेंटो का विस्तार करना शुरू कर दिया और एजेंटो को बतौर कमीशन एक प्रतिशत अलग से देने लगा कमीशन के लालच मे एजेंटो के कई रिश्तेदार भी एजेंट बन गए कमल ने बढ़ता निवेश देखते हुए राजकॉम मोबाइल कंपनी शुरू कर दिया और करोड़ो की लागत से राज टावर का निर्माण किया जिसमे एक ही छत के नीचे एसी रेस्टुरेंट और वेराइटी स्टोर , मेरेज हाल और ठहरने के लिए कमरे बनवाया उसके बड़ा तो कमल करोड़ो मे खेलने लगा और लोगो ने भी घरो और जमीन गिरवी रखकर कमल के चिटफंड कंपनी मे जमकर निवेश किया ।कमल ने जादूगोड़ा के अलावे मुंबई और दिल्ली मे भी कई फर्जी कंपनियाँ खोली और उसके कार्यालय बनवाए और इस तरह से वह अरबपती बना ।

कैसे बंद हुआ कमल का साम्राज्य

कमल ने मई 2013 से निवेशको को ब्याज देना बंद कर दिया और जो निवेशक उससे पैसो की मांग करता उसे आज-कल कर टालता रहा और इसी तरह 31 अगस्त को कमल और उसके निवेशको के बीच राजटावर मे जमकर बवाल हुआ इस दिन रांची और दूसरे राज्यो के लोग भी कमल से पैसे मांगने आए थे कमल ने सभी को 25 सितंबर का तिथि दिया की 25 सितंबर को सभी का पैसा वापस कर दूंगा , निवेशक 25 सितंबर का इंतज़ार कर ही रहे थे की कमल अपने दुकान , गोदाम और राजटावर को बंद कर 24 सितंबर 2013 की रात जादूगोड़ा से फरार हो गया लोगो को जब कमल के फरार होने की सूचना मिली तो निवेशको ने कमल के घर को घेर लिया लेकिन घर मे उसकी माँ और बाप के अलावे कोई नहीं था कमल उसका भाई दीपक और कमल की पत्नी जादूगोड़ा से फरार हो चुके थे और निवेशको को पहली बार एहसास हुआ की वे ठगी के शिकार हो चुके है और इस प्रकार कमल का साम्राज्य बंद हुआ।

24-09-2013 से 24-09-2014 के बीच का सफर

ठगी का एहसास होने के बाद लोगो के हंगामे को देखते हुए घाटशिला के एसडीपीओ शिवेंदु जादूगोड़ा थाना आए और सबसे पहले जादूगोड़ा धरमडीह निवाशी रवीद्र सिंह ने कमल उसके भाई दीपक सिंह और एजेंटो पर मामला दर्ज़ करवाया जिसे जादूगोड़ा थाना मे दिनांक 25-09-2013 प्राथमिकी संख्या 61/13 जीआर संख्या 464/13 धारा 419/420/467/406/468/471/120 के तहत दर्ज़ किया गया प्रथम प्राथमिकी मे कमल सिंह उसका भाई दीपक सिंह , रुद्र नारायण भकत , सीदों पूर्ति  , वरुण सी , अजित पात्रो , मिहिर मोलिक  इसके बाद लगातार कमल और उसके एजेंटो पर जादूगोड़ा थाना मे ठगी का मामला दर्ज़ हुआ और कमल के अन्य एजेंट शरत दास , मिहिर दास , एसएस झा , मनोज नायक , नारायण टूडू , धीरेन भकत , बीएन नायक , बी भकत , विपुल भकत , रवि थापा , पिंटू चौबे , तुलसी भकत ,महावीर काउंटियाँ , श्रीनिवास सिंह , अमित कारवा भी एजेंट के रूप मे चिन्हित किए गए ।

26-09-2013 को कमल सिंह के आठ वाहन यूसिल कंपनी ने निकाल दिये ये सभी वाहन कमल सिंह ने अपनी माँ राजमानी देवी के नाम से यूसिल मे लिज़ पर दे रखा था एवं यूसिल ने कमल सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया ।

27-09-2013 को 21 और लोगो ने कमल और एजेंटो पर मामला दर्ज़ कराया तो कुछ लोगो ने घाटशिला न्यायालय मे शिकायतवाद दर्ज़ करवाया ।

27-09-2013 कमल का एजेंट सीदों पूर्ति गिरफ्तारी के डर से टेल्को अस्पताल मे भर्ती हो गया था लेकिन पुलिस के आने की खबर से वह अस्पताल से फरार हो गया ।

28-09-2013 कमल सिंह और उसके एजेंटो पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया , इसी दिन थाना प्रभारी जादूगोड़ा नन्द किशोर दास को घाटशिला के विधायक रामदासा सोरेन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर लताड़ा ।

29-09-22013 को कमल मामले मे जांच के लिए इंडियन डेमोक्रेटिक इनवायरमेंटल एंड ह्यूमन राइट्स ने पीएम को खत लिखकर मामले की जांच को कहा ।

30-09-2013 तक 93 लोगो ने करोड़ो के ठगी का मामला जादूगोड़ा थाना मे दर्ज़ करवाया ।

30-09-2013 पहली बारा किसी राजनीतिक दल जेएमएम ने निवेशको को न्याय दिलाने के लिए आवाज़ उठाया , एवं यूसिल प्रबंधन ने कमल सिंह को चार्जशीट भेजा इसी दिन पुलिस को कमल सिंह के धनबाद मे होने का लोकेशन मिला , पुलिस के पहुँचते ही कमल का भाई दीपक धनबाद से फरार हो गया ।

1-10-2013 को जादूगोड़ा थाना प्रभारी नन्द किशोर दास ने कहा की अगर कमल सिंह आत्मसमर्पण नहीं करता है तो उसके घर और प्रतिष्ठानो को कुर्की जब्ती की जाएगी और जादूगोड़ा थाना ने कोर्ट से आदेश लेकर इस संबंध मे इस्तेहार कमल के प्रतिष्ठानो मे चिपकाया ।

2-10-2013 को डीएसपी वचनदेव कुजूर ने जादूगोड़ा थाना आकार जांच की और कहा की पुलिस तेज़ी से काम कर रही है और कमल के घर सहित व्यवशायिक ठिकानो पर इस्तेहार चिपका दिया गया है इस पर अगर वह सरेंडर नहीं करता है तो कुर्की वारंट की कारवाई की जाएगी उन्होने कहा था की जनता मे जागरूकता की कमी के कारण कमल भागने मे सफल रहा और पुलिस कमल के गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है ।

02-010-2013 को जेएमएम द्वारा रमेश हांसदा के नेतृत्व मे विशाल सभा का आयोजन किया गया जिसमे जनता ने प्रशासन पर भड़ास निकालते हुए कहा की कमल को प्रशासन का संरक्षण शुरू से लेकर अभी तक प्राप्त है इस सभा मे रमेश हांसदा के साथ बाघराय मार्डी , रमेश सोरेन सहित सेकड़ों लोगो ने भाग लिया ।

6-10-2013 को कमल के तीन एजेंट सीदों हो , मिहिर दास और अजित पात्रो के घर इस्तेहार चिपकाया गया ।

04-10-2013 को याचिकाकर्ता संजय लकड़ा ने उच्च न्यायालय मे सीबीआई जांच के लिए जनहित याचिका दायर किया जिसे प्रख्यात वकील राजीव कुमार ने दायर किया ।

7-10-2013 को जेएमएम के कार्यकर्ताओ ने रमेश हांसदा के साथ उपायुक्त कार्यालय मे जाकर चिटफंड घोटाले की जांच कराने और दोषियो पर कारवाई की मांग की ।

8-10-2013 को जेएमएम के कार्यकर्ताओ ने जादूगोड़ा थाना प्रभारी नन्द किशोर दास पर आरोप लगाया की उन्होने कमल सिंह को स्कॉट कर जादूगोड़ा से भगाया इस संबंध मे उपायुक्त को ज्ञापन सौपा ।

10-10-2013 को कमल के भाई दीपक ने घाटशिला न्यायालय मे अग्रिम जमानत की अर्ज़ी दी इसी दिन कमल के कई एजेंटो के अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी गयी ।

11-10-2013 को कमल के भागने से चिंतित कालिकापुर निवाशी विधवा महिला उषा भकत की सदमे से मौत हो गयी ।

16-10-2013 को कमल के एजेंट संजित दास और ओम प्रकाश सेनगुप्ता को जादूगोड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया इसी दिन दीपक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गयी ।

20-10-2013 को कमल सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गयी ।

22-10-2013 को कमल के मौसा ने निवेशको से मिलकर कमल पर लगे आरोपो को वापस लेने को कहा ।

27-10-2013 को कमल सिंह की माँ राजमानी देवी को बोकारो के चास थाना पुलिस अपने साथ ले गयी उसकी माँ पर 15 लाख की ठगी का आरोप चास निवासी विजय प्रताप सिंह कांड ने संख्या 7/13 दर्ज़ कराया था ।

23-11-2013 को कोर्ट ने कुर्की जब्ती का आदेश निकाला एवं कमाल सिंह ने इसी दिन उच्च न्यायालय मे जमानत याचिका दायर किया ।

26-11-2013 को कमाल के पिता मुनमुन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया उनपर जादूगोड़ा के प्रकाश सिंह ने 4 लाख के ठगी का मामला दर्ज़ करवाया था ।

6-12-2013 को पहली बार कमल मामले मे नक्सलियो ने पोस्टरबाजी किया और कमल और उसके भाई दीपक को गिरफतार करने को कहा ।

19-12-2013 को कमल के राजटावर की कुर्की जब्ती बीडीओ स्मृता कुमारी की उपस्थिती मे की गयी करोड़ो के समान सील किए गए ।

जनवरी 2014 से लेकर लगातारा कमल और उसके एजेंटो पर मामला दर्ज़ किया जा रहा है लेकिन पुलिस प्रशासन अभी तक दोनों भाई को गिरफतार करने मे असफल रहा है ।

इधर कमल के सभी व्यवासायिक प्रतिष्ठानो को उनके मकान मालिको द्वारा कब्जा कर लिया गया है ।

 

 

 

 

 

 

 

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