जमशेदपुर – निज़ी स्कूलों में कोटा व्यवस्था समाप्त करने की कवायद शुरू

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● भाजपा जिला प्रवक्ता की शिकायत पर उपायुक्त ने लिया संज्ञान
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● डीईओ और डीएसई को आवश्यक कार्यवाई का निर्देश
जमशेदपुर।
निज़ी स्कूलों में दाखिले के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा अलग-अलग मनमाने कोटा निर्धारित कर सीटें आरक्षित करने के मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने कार्यवाई के आदेश दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त कार्यालय के प्रभारी पदाधिकारी (सामान्य शाखा) ने सम्बंधित निर्देश ज़ारी किये हैं। इस आशय में जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को भाजपा जिला प्रवक्ता के शिकायत पर आवश्यक कार्यवाई करने को कहा गया है। इस आशय के आदेश 19 दिसंबर को ही उपायुक्त कार्यालय की ओर से ज़ारी की गयी थी। ज्ञातव्य हो कि भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने शहर के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर एक शिकायत पत्र उपायुक्त को सौंपा था। पत्र में स्कूलों द्वारा आरटीई के 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने के अलावे शेष बचें 75 फीसदी सीटों पर कंपनी कोटा, मैनेजमेंट कोटा, स्टॉफ कोटा, सिबलिंग्स कोटा, एलुमनाई कोटा, इत्यादि नाम से आरक्षित कर लिए जाने का ज़िक्र करते हुए इसपर रोक लगाने की माँग उठाई गयी थी। अंकित आनंद ने इसे समानता का अधिकार का उल्लंघन बताते हुए आरोप लगाया था कि निज़ी स्कूलों में सीटें आरक्षित करने को लेकर ना तो सम्बंधित सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की ओर से कोई छूट दी गयी है और ना ही केंद्र-राज्य सरकारों द्वारा। उक्त कोटा के लिए अलग-अलग लॉटरी कराई जाती है जिससे सामान्य बच्चों को दाखिले के अवसर नहीं मिल पाता। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया था कि निज़ी स्कूल प्रबंधन मनमाने नियम बनाकर बच्चों को एडमिशन से वंचित रखते हैं और बाद में मोटी रकम लेकर बैकडोर एंट्री लेते हैं। अंकित आनंद ने भरोसा जताया है कि उपायुक्त के हस्तक्षेप से निश्चित ही स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगी और स्कूलों द्वारा निर्धारित विभिन्न कोटा व्यवस्थाएं समाप्त किये जायेंगे। कहा कि ऐसा होने से सामान्य बच्चों का दाखिला सुलभ हो सकेगा और अभिभावकों को राहत मिलेगी।

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