शहवाज हसन,पटना,16 अगस्त
नेपाल में तीन दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण हुए भूस्खलन और नदियों में आई बाढ़ के कारण कम से कम 34 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों अन्य लापता हो गए हैं.
सुरखेत जिले में 11 लोग, गोरखा जिले में नौ, चितवन, रुकुम जिले में नौ, ललितपुर, उदयपुर, दांग और मनांग जिले में आठ और नवलपरासी, खोतांग, सिंधुली, धनुषा, मकवनपुर जिलों में छह लोग मारे गए हैं.
हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और देश भर में हजारों एकड़ जमीन में बाढ़ का पानी और पहाड़ों से आई गाद व मलबे से भर गया है. पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ है जबकि तराई के मैदान डूबे हुए हैं.
मैदानी इलाके में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे हैं और सरकार से अविलंब सहायता की मांग की हैअफरा-तफरी ने सार्वजनिक जीवन और संपत्ति दोनों को अपनी चपेट में ले रखा है.हजारों लोग बेघर हो गए हैं और भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग टूट जाने से देश का बड़ा हिस्सा संपर्क से टूट गया है.
सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और पानी का बहाव देखते हुए दक्षिण के मैदानी हिस्से में और बाढ़ आने का खतरा उत्पन्न हो गया है. नेपाल के मैदानी हिस्से में बाढ़ से उससे सटे भारत के इलाकों पर भी डूब का खतरा मंडरा रहा है.
बाढ़ और भूस्खलन के कारण देश में करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.
2 अगस्त को सुनकोसी नदी में भूस्खलन के कारण नदी पूरी तरह अवरुद्ध हो गई थी और इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे. सुनकोसी की घटना से भारत के बिहार के कोसी क्षेत्र में भी भारी अफरा-तफरी मच गई थी और लोगों को खाली कराना पड़ा था.
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