जमशेदपुर।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से 6 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन का आयोजन आदित्य गार्डन में किया गया इस अवसर पर आचार्य रमेंद्रानंद अवधूत ने कहा कि यदि किसी का नाम जप करना ही है तो परमपुरुष का ही नाम जप करोगे । “जप” क्या है ? “जप” शब्द का एक विशेष अर्थ है । वह विशेष अर्थ समझकर उस अर्थवादी शब्द की मन-ही-मन बार-बार आवृति करना । अर्थ समझकर आवृति करने के फलस्वरूप वह भावना मन में चिरस्थाई तौर पर रह जाती है और फलत: मन में एक आमूल परिवर्त्तन आता है । मन की बहिर्मुखी वृत्ति क्रमशः अन्तर्मुखी होती है । जप का काम इतना ही है ।
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