जमशेदपुर-प्राइवेट स्कूलों के फ़ीस नियंत्रण पर झारखण्ड कैबिनेट का निर्णय स्वागत योग्य : अंकित

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जमशेदपुर

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मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्राइवेट स्कूलों के मनमाने फ़ीस वृद्धि के मामले पर कैबिनेट द्वारा लिए गए अतिमहत्वपूर्ण फ़ैसले का भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने स्वागत किया है। गुरुवार शाम प्रेस में जारी अपने बयान में कहा कि झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन विधेयक 2017 को कैबिनेट से मंज़ूरी मिलना राज्यभर के अभिभावकों की जीत है जो प्राइवेट स्कूलों के व्यवसाईकरण और लूट नीति से वर्षों से ठगे जा रहे थें। कहा कि इस मुद्दे पर वर्षों से आंदोलनरत था, अंततः अब वर्तमान सरकार ने अभिभावकों के हित में मेरे द्वारा लगातार किये गए माँगों को सुन लिया। ज्ञातव्य हो कि निज़ी स्कूलों द्वारा हर वर्ष होने वाले भारी भरकम फ़ीस वृद्धि, री-एडमिशन,बिल्डिंग चार्ज,मेंटेनेन्स चार्ज,कैपिटेशन फ़ीस,इत्यादि के ख़िलाफ़ भाजपा प्रवक्ता अंकित आनंद ने लंबे समय से मोर्चा खोल रखा था। वर्ष 2013 से ही शिक्षा के व्यवसाईकरण को लेकर कई स्वयंसेवी संगठनों के अलावे पार्टी फोरम से भी अभिभावकों के हितार्थ माँग उठाया गया था। वहीं इसी वर्ष अक्टूबर महीने से ही ‘शिक्षा सत्याग्रह’ नाम से अभियान की शुरुआत भाजपा प्रवक्ता ने की थी। इसके तहत प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय एवं मानव संसाधन मंत्रालय, राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नए सत्र से  पूर्व फ़ीस नियंत्रण विधेयक को प्रभाव में लाने की माँग की थी। इस मांग पत्र के आलोक में प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखण्ड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को शिकायत की जाँच कर रिपोर्ट देने को निर्देशित किया था। वहीं पिछले महीने शहर आयीं राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव से भी मिलकर भाजपा प्रवक्ता अंकित ने माँग पत्र सौंपा था। इस दौरान भी हर हाल में पूर्व प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के लिए जनवरी 2018 से पहले विधेयक को प्रभाव में लाने की माँग की गयी थी। पिछले दिनों ही शिक्षा मंत्री ने संकेत दिए थे कि जल्द ही इस दिशा में खुशखबरी मिलेगी। अब कैबिनेट में विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इसी शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार इस विधेयक को विधानसभा में पेश करेगी। भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद में भरोसा जताया है कि नए सत्र से पूर्व ही अभिभावकों के हित में रघुवर सरकार प्रभावी क़ानून को अस्तिव में लाएगी। कहा कि स्कूलों की मनमानी रुकने तक ‘शिक्षा सत्याग्रह’ जारी रहेगा।

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