जमशेदपुर।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक ट्वीट करने पर बीमार बच्ची के लिए मदद पहुंचाया गया। बताया जाता है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल (निगाही) के बच्चे एक एक्सप्रेशन ट्रिप से पूरी से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन से वापस सिंगरौली लौट रहे थे। सभी का रिर्जवेशन उत्कल एक्सप्रेस के एस 1 में था। इसी बीच विधा नाम की लड़की की तबीयत अचानक रास्ते में बिगड़ गई और ट्रेन के पुरी से रवाना होते ही उसे उल्टियां होने लगी.। बच्चों के साथ गए शिक्षकों ने उनके पास उपलब्ध दवा बच्ची को दी जिससे बच्ची को थोड़ी राहत मिली. शिक्षकों ने प्रयास किया कि ट्रेन में टी टी ई को इस समस्या से अवगत कराएं लेकिन वह ट्रेन में टी टी ई को ढूंढ़ नहीं पाए. अंततः शिक्षकों ने इस समस्या से दिल्ली पब्लिक स्कूल निगाही के प्राचार्य सुखवंत सिंह थापर को अवगत कराया.। प्राचार्य ने रात के 3:00 बजे जमशेदपुर स्थित मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष हरपाल सिंह को यह समस्या बताई और आग्रह किया के एनजीओ के सदस्य ट्रेन के टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुँचने पर बच्चों को देख लें और आवश्यक चिकितसकीय सुविधा उपलब्ध करवाएं. मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के सदस्य श्री एंथोनी डेविस ने उक्त समस्या रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को ट्विटर पर बताई. रेल मंत्री ने उसी समय चक्रधरपुर रेल डिवीजन के डीआर एम को ट्वीट कर इस समस्या से निपटने के लिए कहा. डीआर एम ने भी ट्वीट कर बताया कि उन्होंने ट्रेन के टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचते ही बच्ची को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था कर ली है. उत्कल एक्सप्रेस सुबह 6:00 बजे टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचती है. मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सदस्यगण इससे पहले ही रेलवे स्टेशन पहुंच चुके थे. टाटानगर रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर डॉक्टर को लेकर प्लेटफार्म पर तैयार खड़े थे. साथ में जीआरपी के अधिकारी भी थे. ट्रेन जैसे ही टाटानगर स्टेशन पर पहुंची डॉक्टर ने बच्ची की जांच की एवं उसे दवा दी और बताया कि बच्ची को थकान की वजह से उल्टी आ आ रही थी। उन्होंने बच्ची को आराम करने की सलाह दी। जब तक डॉक्टर ने बच्ची की जांच की एवं दवा दी तब तक उत्कल ट्रेन टाटानगर रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रही । वही इस मामले की पृष्ठि चक्रधरपुर रेल डिवीजन के सिनीयर डी सी एम भास्कर ने भी पृष्ठि की है। उन्होने कहा कि जैसे कंट्रोल को जानकारी मिली तप्तरता पूर्वक कार्रवाई करते हुए टाटानगर स्टेशन मे एक लेडी डाक्टर उपलब्ध कराया गया ।जहां उसकी प्राथमिक ईलाज किया गया। जब बच्ची की स्थिती समान्य होने के कारण उसी ट्रेन उस बच्ची को आगे रवाना कर दिया गया।
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