जमशेदपुर।


आनंद मार्ग प्रचारक संघ का तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन आनंद मार्ग आश्रम गदरा रहर गोड़ा में किया गया सेमिनार के प्रथम दिन मुख्य प्रशिक्षक आचार्य स्वरूपानंद अवधूत ने अपने प्रथम दिन के प्रवचन में कहा कि ब्रहम साधना एक संपूर्ण विज्ञान है जिसकी चर्चा सभी वेदों में है मनुष्य जब जागृत हुआ तो सबसे पहले अपने बारे में सोचना आरंभ किया मैं कौन हूं मैं कहां से आया हूं मेरा और प्राकृतिक के साथ क्या संबंध है सृष्टि और सृष्टि कर्ता क्या और कौन है तभी मनुष्य आगे बढ़ा मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव बंधन मुक्त होना चाहते हैं तो बंधन क्या है और बंधन से कैसे मुक्ति मिलेगी उन्होंने कहा कि जो बंधन मुक्त हैं वही ब्रह्म है और उसकी उपासना ही ब्रह्म साधना है ब्रहम साधना से ही मनुष्य बंधन मुक्त हो सकता हैजीव में सर्वश्रेष्ठ जीव मनुष्य है मनुष्य मन प्रधान है उसके पास विवेक है वह जानते हैं कि मैं मनुष्य हूं मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है किंतु पशु मैं यह ज्ञान नहीं है इसलिए मनुष्य ही केवल साधना कर सकते हैं स्वयं को जानना ही ज्ञान और आत्मज्ञान ही ब्रह्म उपलब्धि है गुरु के संपर्क में जाकर जल्द से जल्द ब्रह्म साधना करके अपने आपको जानकर ब्रम्ह प्राप्ति मैं ही जीवन की सार्थकता है ।