JAMSHEDPUR-अजादी की पहली लड़ाई थी ‘हूल क्रांति’ : दिनेश कुमार

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JAMSHEDPUR (30JUNE)।

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हूल क्रांति दिवस पर शुक्रवार को अमर बलिदानी सिद्धो-कान्हू को नमन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने इनके बलिदानों को याद किया। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष काजु शांडिल की अगुआई में आयोजित कार्यक्रम में वीर सिद्धो-कान्हो और चांद-भैरव के जयकारों से समूचा क्षेत्र गूंजायमान रहा। भुइयाँडीह गोलचक्कर पर अवस्थित प्रतिमस्थल पर माल्यार्पण की गई जिसमें विशेष रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मौजूद रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने मौके पर हूल-क्रांति को आज़ादी की पहली लड़ाई बताया। कहा कि अंग्रेज़ी हुकूमत की बर्बरता के विरुद्ध 1857 से पूर्व 30 जून 1855 को वर्तमान में झारखंड के साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से इस विद्रोह का प्रारंभ सिद्धो-कान्हो और चांद-भैरव भाइयों द्वारा किया गया था जिसमें अंग्रेज़ों को भारी क्षति उठाना पड़ा था। इस घटना की याद में प्रतिवर्ष 30 जून को ‘हूल क्रांति दिवस’ मनाया जाता है। उन्होंने इसे कई अर्थो में समाजवाद के लिए पहली लड़ाई बताया। कहा कि इसमें न केवल संथाल जनजाति के लिए, बल्कि समाज के हर शोषित वर्ग के लोग सिद्धू और कान्हू के नेतृत्व में आगे आए। कहा कि संथाल के बीस हज़ार से अधिक बलिदानों के बाद अंग्रेज संथाल छोड़ने पर विवश हुए। मौके पर भाजपा की जिला उपाध्यक्ष बारी मुर्मू,रामसिंह मुंडा,बारीडीह मंडल अध्यक्ष रूबी झा,सुशांतो पांडा,मुक्ता नामता,प्रकाश शांडिल्य,राजेश कंडिल्य, सूरा बिरुली,गणेश मुंडा,राम मार्डी, सूरत सांडिल्य,पवन सोलंकी,नंदलाल पातर, विनय राम,रवि सेवइयां,प्रकाश कोया, हराधन मुंडा,समेत अन्य मौजूद रहकर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

 

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