धनबाद ।
पीएमओ का आदेशानुसार धनबाद-चन्द्रपुरा रेल लाइन में 15 जून 2017 से ट्रेन नही चलेंगी, रेल लाइन को बंद कर दिया जायेगा, डीजीएमएस, धनबाद जिला प्रशासन एवं रेलवे बोर्ड की रिपोर्ट पर उक्त कारवाई की गयी, रिपोर्ट में उक्त रेल लाइन के नीचे जमीन में कई जगह कोयले में आग लगने का जिक्र किया गया है, जिससे रेल लाइन के धसने व खतरा होने का बात कही गई थी, धनबाद-चन्द्रपुरा रेल लाइन में शताब्दी एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, कामख्या एक्सप्रेस, धनबाद-रांची इंटरसिटी सहित दर्जनों ट्रेने होंगी प्रभावित|
इसके बंद हो जाने से न केवल आम जनता को परेशानी होगी बल्कि बीसीसीएल के उत्पादन और डिस्पैच में भी बहुत प्रभाव पड़ेगा .
जिससे झारखंड सरकार को करीब सालाना करोडो के राजस्व का नुकसान होगा बिना किसी अन्य अल्टरनेट व्यवस्था के यह निर्णय लिया जाना लोगो के दिलो में कई नए सवाल पैदा कर रहा है की उनकी यात्रा अब कैसे होगी.
22 मई को कोयला सचिव सुशील कुमार, झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीएमएस के महानिदेशक पीके सरकार, डीडीजी संजीवन राय, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित कई अधिकारी की उपस्थिति में धनबाद- चंद्रपुरा रेल लाइन पर अंतिम फैसला लेने के लिए आखिरी बैठक हुई थी.
डीजीएमएस के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जतायी थी. वर्षों से इस रूट पर 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही ट्रेने चलाई जा रही क्यूंकि भूमिगत आग से पटरी धंसने का खतरा था और किसी अनहोनी होने पर भारी जन माल का नुक्सान हो सकता था. इसलिए सरकार ने इस बड़े खतरे का रिस्क नहीं लेते हुए इस लाइन को बंद करने का आदेश जारी किया है.
धनबाद से चंद्रपुरा के बीच बांसजोड़ा, सिजुआ, कुसुंडा, बसुरिया, कतरासगढ़, सोनारडीह, टुंडू , बुदरा, फुलारीटांड, जमुनिया व दुग्धा स्टेशन हैं. इन स्टेशनों से प्रति वर्ष लगभग 50 लाख यात्री सफर कर रहे थे और रेलवे को लगभग 10 करोड़ रुपया से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता था.
इस लाइन के बंद होने से यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आयेगी. इन स्टेशनों को जानेवाले लोगों को वैकल्पिक रास्ता चुनना पड़ेगा. जिससे उनकी परेशानी के साथ यात्रा का समय भी बढेगा.
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