गम्हरिया
—–
बुरुडीह पंचायत के कई गांवों में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है। भीषण गर्मी में परेशान लोग गांव छोड़कर शहर की ओर पलायन करने पर विवश हो गए हंै। बिजली नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई ठप हो गयी है। ग्रामीणों ने बताया कि सुदूर आदिवासी बहुल बुरुडीह पंचायत का कई गांव जंगल से घिरा है। बिजली के अभाव में रात के अंधेरे में जंगली जानवरों के खतरे से दहशत में रतजगा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में कई गांवों में कई माह से बिजली नहीं आयी है। बुरुडीह पंचायत के मुखिया सोखेन हेम्ब्रम ने बताया कि विगत करीब तीन माह से मनीपुर, संथालडीह एवं बर्गीडीह में ट्रासफार्मर के अभाव में ग्रामीण अंधेरे में रहने पर विवश हैं। सरायकेला विद्युत अंचल के अधीन इस क्षेत्र में लगातार ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय स्तर से कोई पहल नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चंपानगर, छोटा बाडा़मारी, बड़ा बाड़ामारी, सुधापुर, रियारदा, सालमपाथर समेत अन्य कई गांवों में विगत 15 दिनों से बिजली गुल है। उन्होंने बताया कि सुधापुर गांव की ज्योति ने इस वर्ष आइएएस बनकर गांव का मान बढाया है। इससे गांव के बच्चों में पढा़ई के प्रति बेहद उत्साह देखने को मिल रही है, किंतु बिजली नहीं रहने से उन बच्चों के पठन-पाठन पर सीधा असर पड़ रहा है। मुखिया हेम्ब्रम ने विद्युत जीएम को पत्र भेजकर एक सप्ताह के भीतर सभी गांवों में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने अन्यथा ग्रामीणों के साथ कार्यालय घेराव की चेतावनी दी है।
Comments are closed.