प्राथमिक विधालय कांठों में 11 वर्षो से था कार्यरत
निगरानी के जांच में पकड़ाया फर्जी शिक्षक सागर कुमार
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती ।
फर्जी आखिर फर्जी ही होता है आखिरकार एक फर्जी शिक्षक निगरानी के जांच में पकड़ा ही गया है। वह फर्जी शिक्षक करीब ग्यारह वर्षो से प्रखंड के प्राथमिक विधालय कांठों में कार्यरत है।
निगरानी अंवेषण ब्यूरो द्वारा बख्तियारपुर थाने में फर्जी अंक पत्र और प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने के मामले मे उक्त शिक्षक सागर कुमार पर एफआईआर दर्ज करवाया गया है। बख्तियारपुर थाना को दिये आवेदन में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के जनहित याचिका संख्या 15449 / 2014 में पारित आदेश के आलोक में बिहार राज्य के उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक या प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2006 से अब तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक या प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है। पुलिस अधीक्षक निगरानी अंवेषण ब्यूरो बिहार सरकार के आदेश द्वारा सहरसा जिला में मैं जांच हेतु प्रतिनियुक्त हूं। सहरसा अंतर्गत हटियागाछी निवासी देव नारायण चौधरी के पुत्र सागर कुमार ने प्राथमिक शिक्षक के पद हेतु वर्ष 2006 में आवेदन पत्र एवं आवश्यक योग्यता का प्रमाण पत्र पंचायत शिक्षक हेतु समर्पित किया था, जिसके आधार पर इनका चयन किया गया था।हालांकि जांच में नियोजन इकाई को समर्पित मैट्रिक का अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र जो बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना के द्वारा वर्ष 2003 में आयोजित परीक्षा कोर्ट 3103 क्रमांक 328 निगरानी जांच के क्रम में पता चला है कि इस क्रमांक पर दूसरे छात्रा शिवानी कुमारी बोर्ड अभिलेख में अंकित है एवं शिवानी कुमारी का अंक पत्र में कुल अंक 268 है तथा तृतीय श्रेणी अंकित है। परंतु इनके द्वारा जो प्रमाण पत्र दिया गया है उसमें सागर कुमार का नाम अंकित है एवं अंकपत्र में कुल 381 और द्वितीय श्रेणी अंकित है जो फर्जी है।स्पष्ट है कि इनके द्वारा शिक्षक नियोजन में सदोष लाभ अर्जित करने के उद्देश्य छलपूर्वक कूट रचित कर अंक पत्र एवम प्रमाणपत्र समर्पित कर धोखाधड़ी किया गया।
इस संबंध में बख्तियारपुर थानाध्यक्ष उमाशंकर कामत ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी हेतू छापेमारी की जा रही हैं।
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