एनजीओ से रिकभरी के साथ एफआईआर कराने का दिया सीएस को आदेश, सीएस मामले को दबाने में जुटे.
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शेखपुरा.ललन कुमार।
स्वास्थ्य विभाग में फर्जीबाड़ा कर लाखों की सरकारी राशि लूटने वाले एनजीओ संचालक पर डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकारी सुत्रों ने बताया कि डीएम ने स्वास्थ्य विभाग में जेनेरेटर चलाने वाले एनजीओ संचालकों टैगोर संस्थान और सिंह सर्विसेज पर एफआईआर कराने के साथ साथ राशि रिकभरी करने का आदेश सिविल सर्जन को दिया है। वहीँ इस मामले को सिविल सर्जन दबाने में जुटे हैं।आपको बताते चलें एक इलेट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार द्वारा संचालित एनजीओ टैगोर संस्था को जिले के तीन प्रखंडों के पीएचसी औऱ एडिनल पीएचसी में जेनेरेटर चलाने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा सौंपा गया था ।जेनेरेटर चलाने का कार्य लिए जाने के बाद कहीं जेनेरेटर उस एनजीओ द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में नही लगाया गया और जेनेरेटर चलाये जाने का लॉग बुक भरकर लाखों में सरकारी राशि निकाल ली।कहीं जेनेरेटर लगाया गया तो एक दिन में 25.5घंटे जेनेरेटर चालाने का लॉग बुक भरा गया ।यह मामला डीएम दिनेश कुमार द्वारा खुद स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान पकडा गया । डीएम ने डीडीसी को और सीएस को इस पुरे मामले का जांच करने का आदेश दिया ।जांच कराए जाने पर बिजली विभाग ने जांच अधिकारी को रिपोर्ट दिया कि शेखपुरा में हर दिन औसत 16-18 घंटे बिजली रहती है । इस बात का खुलासा हुआ कि टैगोर संस्था के संचालक ने फर्जीबाड़ा कर सरकार को लाखों का चुना लगाया है।सीएस ने भी पुरे मामले का जांच रिपोर्ट डीएम को तीन पहले सौंप दिया है।जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद टैगोर संस्था एनजीओ के संचालक पर डीएम ने सीएस को एफआईआर कराने के साथ साथ राशि रिकभरी करने का आदेश पत्र जारी किया है ।वहीँ इस मामले में सीएस मृगेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि डीएम का उनके पास टैगोर संस्था एनजीओ पर कोई कार्रवाई करने का आदेश पत्र नहीं मिला है।इधर डीडीसी निरंजन कुमार झा ने कहा कि सीएस को डीजल घोटाले में आरोपी संचालक पर कार्रवाई करने का पत्र तीन दिन पहले ही भेजा जा चुका है। उन्हें जब यह कहा गया कि सीएस किसी भी चिट्ठी मिलने से इंकार कर रहे हैं तो डीडीसी ने साफ़ शब्दों में कहा कि सीएस मामला को दबा रहे हैं।
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