टीबीएक्सजी ने टीईईपी-2016 के मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मनित किया
जमशेदपुर, 14 मार्च। 14 मार्च
गोलमुरी क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम टाटा बिजनेस एक्सीलेंस ग्रुप (टीबीएक्सजी) ने टीईईपी (टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम)-2016 के मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुल 131 मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
एजुकेशन एक्सलेंस प्रोग्राम-2016 में चार प्रकार के मूल्यांकन किये गये।
2016 के रेगुलर प्रोग्राम में 7 स्कूलों ने हिस्सा लिया था। प्रत्येक मूल्यांकन में लगभग 6 दिनों का समय लगा, जिसमें स्कूल की शक्तिओं और सुधार के अवसरों पर मूल्यांकन रिपोर्ट के साथ अंक दिये गये। 5 सदस्यों की एक टीम ने एक स्कूल का मूल्यांकन किया। इस प्रकार, रेगुलर प्रोग्राम में 35 मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
रेगुलर असेसमेंट और डिप चेक प्रत्येक विकल्पेन वर्ष में किया गया यानी एक स्कूल का एक वर्ष रेगुलर असेसमेंट हुआ, तो दूसरे वर्ष डिप चेक। इस प्रकार, 2016 में 14 स्कूलों का डिप चेक हुआ। प्रत्येक डिप चेक में करीब 2 दिनों का समय लगा, जिसमें उनकी शक्तिओं और सुधार के क्षेत्रों के साथ एक मूल्यांकन रिपोर्ट शामिल था। प्रत्येक स्कूल का मूल्यांकन 2 से 3 सदस्यों की टीमों ने किया। इस तरह आज के कार्यक्रम में 32 से अधिक डिप चेक मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
टीईईपी के बेसिक प्रोग्राम के तहत 2016 में 11 स्कूलों ने हिस्सा लिया। प्रत्येक मूल्यांकन में लगभग 2 दिनों का समय लगा, जिसमें अनुपालन अंक के साथ एक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार किया गया। आज के कार्यक्रम में बेसिक प्रोग्राम के 22 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
सरल प्रोग्राम-2016 में 21 स्कूलों ने हिस्सा लिया। प्रत्येक मूल्यांकन में 1 दिन का समय लगा, जिसमें अनुपालन अंक के साथ एक मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार किया गया। आज के कार्यक्रम में सरल प्रोग्राम के 42 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए टीबीएक्सजी के वीपी एन के शरण ने प्रतिभागियों व अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने मूल्यांकनकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि टीईईपी शिक्षकों और प्रिंसपलों की मानसिकता में बदलाव का आंदोलन है। श कम्बाइन एजुकेशन इनिशिएटिव्स के चेयरमैन शोमी दास कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
भौतिकी के शिक्षक दास मायो कॉलेज में प्रिंसिपल तथा लारेंस स्कूल, सनावर और दून स्कूल में हेडमास्टर के पद पर थे। वे आॅक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज बोर्ड के परीक्षकों के पैनल में रहे हैं। इसके अलावा, सीबीएसई के लिए पेपर सेटर और एक्जामिनर की भूमिका भी निभा चुके हैं। 1996 से वे एक प्रोफेशनल एजुकेशन कंसल्टेंट के रूप में स्कूल मैनेजमेंट की मदद कर रहे हैं। उनके पोर्टफोलियो में देश और विदेश के 76 क्लाइंट हैं। शिक्षा के क्षेत्र में श्री दास के उल्लेखनीय कार्य के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ऐंड एडिटर्स ऑफ एजुकेशन वल्र्ड ने एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड 2014 में उन्हें ‘एजुकेशन वल्र्ड लाईफटाईम अचीवमेंट‘ से सम्मानित किया था और ‘इंडियन एजुकेशन ऑफ फेम ऑफ हॉल‘ में शामिल किया था।
कार्यक्रम में शोमी दास के अलावा टीईईपी एक्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य प्रो. शरद सरीन, श्री एमजीके नायर और जया सिंह, चीफ, टीक्यूएम, टाटा स्टील ने सभी मूल्यांकनकर्ताओं को प्रमाणपत्र दिया।
अपने संबोधन में श्री दास ने कहा कि बच्चों को पढ़ाते समय शिक्षकों को ‘10सी’ यानी क्यूरियोसिटी, क्रिएटीविटी, क्रिटिकल थिंकिंग, कम्युनिकेशन, च्वाइस जैसे कौशल और कट्सी, कैंडिड, कम्पीटीटिवनेस, सिटिजनशिप और कम्पैशन जैसे मूल्यों पर फोकस करना चाहिए।
सम्मान कार्यक्रम से पहले टीबीएक्सजी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑडिटोरियम में श्री दास और विभिन्न स्कूलों के प्रिंसपलों के बीच एक संवाद सत्र आयोजित किया। उन्हें संबोधित करते हुए श्री दास ने एक शिक्षक के गुणों पर प्रकाश डाला और कहा, ‘‘एक शिक्षक को चाइल्ड-सेंट्रिक होने के साथ-साथ उसे विषय और विद्यार्थियों का ज्ञान होना चाहिए। उन्हें बच्चों की उत्सुकता को प्रोत्साहित करना चाहिए। शिक्षकों में एक समावेशी सोच के साथ स्कूल के प्रति अपनत्व की भावना होना जरूरी है।’’
इस इंटरएक्टिव सत्र में 40 से अधिक प्रिंसपलों ने हिस्सा लिया।
pc
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