वरीय संवाददाता,जमशेदपुर,6 अप्रेल
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा कि देश में सबसे अधिक 50 वर्षों तक सत्ता का सुख भोगने वाली कांग्रेस के साथ मौजूदा समय में कोई भी दल गठबंधन करने को तैयार नहीं है। पाताल से लेकर अंतरिक्ष तक घोटाला करने वाली कांग्रेस की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है। नायडू रविवार को कदमा गणेश पूजा मैदान में भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित शहरी कार्यकर्ता सम्मेलन सह आमसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंनेसंभावना जताई कि आगामी लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम सीटें मिलने वाली हैं, वहीं भाजपा 250 सीटों का आंकड़ा पार करेगी, जबकि सहयोगी दलों को लेकर 300 से अधिक सीट लेकर पूर्ण बहुमत प्राप्त करने वाली है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले भ्रष्टाचार खत्म करने, विदेश से काला धन वापस लाने, महिला आरक्षण बिल पास कराने, रुपये को मजबूत करने और महंगाई पर अंकुश लगाने का वादा किया था। एक भी वादा पूरा नहीं किया और जनता को महंगाई के बोझ से कांग्रेस ने त्रस्त कर दिया और बेरोजगारी भी बढ़ा दी।
नायडू ने दक्षिण भारतीय अंदाज में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस का एक सहयोगी दल राजद है, जिसके सुप्रीमो का खेल कभी जेल तो कभी बेल हैं। जेएमएम और नेशनल कांफ्रेंस का भी वही हाल है। बसपा, सपा, जेवीएम और वामपंथ के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली कांग्रेस के साथ इनका रिश्ता भी अजीबोगरीब रहा है। ये दिन में कांग्रेस के साथ कुश्ती लड़ते और रात में दोस्ती करते रहे।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में चार हाई-वे का निर्माण किया गया। कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और चेन्नई को हाई-वे से जोड़ा गया, लेकिन कांग्रेस में एक भी हाईवे का निर्माण किया गया। पूरी तरह नो-वे हो गया।
नायडू ने तीसरे मोर्चे का भी खूब मजाक उड़ाया और कहा कि थर्ड फ्रंट डिवीजनल फ्रंट बनकर रह गया। वीपी सिंह, गुजराल, चंद्रशेखर, देवेगौड़ा किसी की भी सरकार नहीं चली। अब फेडरल फ्रंट बनाया गया है, जिसके अम्माजी से लेकर बहनजी तक प्रधानमंत्री के सात उम्मीदवार हैं। सात दिन में सात प्रधानमंत्री अलग-अलग दिन रहेंगे।
ये लोग मौजूद थे सम्मेलन में
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक रघुवर दास, डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्व विधायक सरयू राय, पूर्व सांसद आभा महतो, विधायक मेनका सरदार, महेशचंद्र शर्मा, अमरप्रीत सिंह काले, विद्युत वरण महतो व अन्य।
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