विजय सिंह ,बी.जे.एन.एन ब्यूरो ,अभिमत
झारखण्ड की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली पूर्वी सिंहभूम ,जमशेदपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा दोनों ने ही आयातित (इम्पोर्टेड ) उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं..झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर बहरागोड़ा क्षेत्र से विधायक विद्युत् वरन महतो को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराकर जमशेदपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.लम्बे अर्से से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की राजनीति करने वाले विद्युत् की पहचान झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के मजबूत समर्पित नेताओं में होती थी परन्तु इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने मूल पार्टी की तीर धनुष से तौबा करते हुए भाजपा का कमल थाम लिया.वैसे विद्युत् को कमल थमाने के पीछे लोग राज्य के पूर्व मुख्मंत्री अर्जुन मुंडा की रणनीति बताते है कहा भी यही जाता है कि झारखण्ड की भाजपा राजनीति में अर्जुन मुंडा की मर्जी के बिना कुछ भी सम्भव नहीं.भाजपा के एक पुराने नेता ने कहा कि अब झारखण्ड में भाजपा का झामुमोकरण हो रहा है..
लेकिन सवाल यह है कि क्या झारखण्ड बनने के तेरह वर्षों में (और उसके पहले संयुक्त बिहार में )भाजपा के पास एक भी ऐसा मूल पार्टी कार्यकर्ता या नेता नहीं था जिसे पार्टी उम्मीदवार बना पाती.?क्या वर्षों पुराने झंडा ढोते पार्टी कार्यकर्ता सिर्फ झंडा ढोने और बैनर बांधने या दरी बिछाने के लिए ही रह गए हैं? मजे की बात यह कि झारखण्ड और संयुक्त बिहार की भाजपा राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले और जमशेदपुर सहित पूरे सिंहभूम में भारतीय जनता पार्टी को बाल्यावस्था से किशोरावस्था तक सीचने वाले एक सम्मानित नेता (अब दिवंगत ) के पुत्र भी विद्युत् के स्वागत में काफी उतावले दिखे.
वैसे जानकार कहते हैं कि जमशेदपुर से झारखण्ड विकास मोर्चा के वर्त्तमान सांसद डॉ अजय कुमार (पूर्व आरक्षी अधीक्षक ,जमशेदपुर )के डर से सभी दलों का समीकरण बिगड़ गया है और पार्टियां विभिन्न वोट बैंकों को ध्यान करते हुए उम्मीदवार आयात कर रही हैं.
दूसरी तरफ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने अपने सभी कार्यकर्ताओं ,नेतोओं को किनारे करते हुए टाटा स्टील के पूर्व उपाध्य्क्ष(मानव संसाधन) निरुप मोहंती को अपना उम्मीदवार बनाया है. निरुप का अभी तक कंपनी के कार्यों के अलावा समाज में कोई विशेष योगदान नहीं है. टाटा स्टील और टिमकेन में महत्वपूर्ण पदों पर रहने के वावजूद जमशेदपुर में बेरोजगारी कम करने या अन्य कोई उल्लेखनीय योगदान निरुप के खाते में अब तक नहीं है..ऐसे में वे किन मुद्दों पर जनता से वोट मांगेंगे यह तो समय ही तय करेगा..
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