
जमशेदपुर.
डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन के सभागार में नैक के द्वारा बाइनरी मान्यता प्रणाली विषय पर एक दिवसीय सत्र का आयोजन किया गया. इस सत्र के मुख्य वक्ता भुवनेश्वर से आये “ आई.क्यू.एसी. के गाइड” के प्रमुख दिलीप मंगराज थे. उन्होंने नैक के बाइनरी विषय के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि अब नैक में ग्रेड नहीं दिए जायेंगे. अब मूल्यांकन और प्रत्यायन के महत्व पर शिक्षण संस्था को मान्यता मिलेगी. क्राइटेरिया में हुए मूल्यांकन पद्धति एवं अंकों के आवंटन के विषय में भी उन्होंने बताया. उन्होंने कहा कि अब देश के प्रत्येक कॉलेज को प्रत्यायन करवाना अनिवार्य होगा.भारतीय ज्ञान परंपरा को भी क्राइटेरिया एक में जोड़ दिया गया है और अनिवार्य भी बना दिया गया है .प्रकाशन एवं शोध भी प्रत्येक संस्था के लिए अनिवार्य होगा. अब प्रत्येक शिक्षण संस्थान को अधिक प्रभावी बनाया गया है, उसके लिए कॉलेज के बाहर भी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करना होगा. गाँव को अपनाकर उसके मानसिक स्वास्थ्य, रोग मुक्त और स्वच्छ गाँव के निर्माण पर काम करना होगा.

कार्यक्रम में मौजूद दिलीप मंगराज ने कई सुझाव दिए.उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह नए विचारों के आदान प्रदान के साथ छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए भी शिक्षण संस्थान प्रेरित करे.कौशल विकास को भी नैक के नए प्रणाली में महत्व दिया गया है. इस एक दिवसीय वर्कशॉप में दिलीप मंगराज ने कई सवालों के जवाब दिए.
दूसरे सत्र में दिलीप मंगराज ने भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत भाषाओं के संवर्द्धन के लिए शुरु हुए प्रयासों पर प्रकाश डाला. कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के डॉ. मनोज कुमार एवं के.एम.पी.एम वोकेशनल कॉलेज की प्राचार्या डॉ.मीता जखनवाल सहित कोल्हान के 15 कॉलेजों ने भाग लिया. शिक्षकों ने मुख्य वक्ता से कई सवाल भी किए. श्रीनाथ की प्राचार्या डॉ.भव्य भूषण ने सत्र के समापन से पहले अपना फीडबैक दिया.स्वागत भाषण डॉ.मोनिका उप्पल एवं धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती कंचन कुमारी ने किया.
इस अवसर पर कॉलेज के अध्यक्ष बी .चंद्रशेखर , सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन , सह-सचिव सुधा दिलीप , गवर्निंग बॉडी सचिव सतीश सिंह , प्राचार्या डॉ.जूही समर्पिता , उप-प्राचार्या डॉ.मोनिका उप्पल एवं कॉलेज की सभी शिक्षिकाएं व कर्मचारी उपस्थित थे.