Madhubani News:-सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि

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अजय धारी सिंह

*मधुबनी:* सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। मधेपुर प्रखंड के बांकि गांव निवासी शाहिद सीआरपीएफ के जवान अजय कुमार झा मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा किए गए घटना हमले में रविवार को शहीद हो गए थे। सोमवार देर रात उनका शव उनके हैं पहुंच। जहां मंगलवार को उन्हें उनके बड़े बेटे ने शव को मुखाग्नि दी। सैनिक सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के वक्त सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, जिले के डीएम एवं एसपी की सहित कई नेता, ग्रामीण और आला अफसर मौजूद थे।

सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा की अंतिम विदाई पूरे राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार सुबह उनके पैतृक गांव मधेपुर थाना क्षेत्र के बांकी में किया गया। उनके बड़े बेटे द्वारा मुखाग्नि दिए जाने से पूर्व, सीआरपीएफ के आलाधिकारियों, जवानों एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुलिस ऑनर सहित सभी सैनिक सम्मान दिया गया। शहीद अजय कुमार झा की पत्नी अन्नू देवी अपने बच्चों के साथ सीआरपीएफ कैंप झपहां से घर पहुंची थीं। घर पर बार-बार वो रो-रो कर बेहोश हो रही थीं। परिजन उन्हें ढाढस बढ़ाने और थामने में लगे थे। शहीद जवान के सगे संबंधी भी सहित के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अजय कुमार झा असम के ढ़िब्रूगढ़ में 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे। जहां से पांच दिन पहले ही उनके टीम को मणिपुर के जिरीबाम भेजा गया था। जहां जिरीबाम थाने से आठ किलोमीटर दूर मोंगबुंग में हथियार बंद संदिग्ध उग्रवादियों ने उनके टीम पर पहाड़ पर से हमला कर दिया। जिसके बाद उग्रवादी जंगल में फरार हो गए। सर में गोली लगने से अजय कुमार झा शहीद हो गए, जबकि घटना में अन्य दो ऑफिसर जख्मी हो गए। उल्लेखनीय है कि मैतयी और कूकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा की आग मणिपुर में एक साल से जल रही है। जिसमें भारतीय जवान शहीद होते जा रहे हैं।

शहीद अजय के पिता हरिश्चंद्र झा ने कहा की अजय गौहाटी में पिछले एक साल से पोस्टेड था।मुझे बताया गया अजय किसी ऑपरेशन में मणिपुर गया था। वहां जब वह गाड़ी चला रहा था, उसी दौरान आतंकियों द्वारा चलाई गई गोली उसके सर में आकर लगी और उसकी वहीं मौत हो गई। रविवार को करीब 10 बजे मुझे फोन से अजय के शाहिद होने की सूचना दी गई। मेरे दो बेटे में अजय छोटा था। उसको एक लड़का और एक लड़की है। मेरा बड़ा लड़का दिल्ली में नौकरी करता है। वहीं अंतिम संस्कार के बाद बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शिला मंडल ने कहा की ये तो मेरे विधानसभा के ही थे। जैसे ही मुझे पता चला कि मेरे क्षेत्र के एक वीर जवान अजय जी शाहिद हो गए हैं हम तुरंत यहां आए। भारत मां के लिए शाहिद हुए अजय जी को मेरा नमन है, मैं हृदय से उनको श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं। साथ ही मैं ईश्वर से कामना करती हूं की दुःख की इस घड़ी मे भगवान उनके परिवार को सहन करने की शक्ति दें। हम सभी उनके पूरे परिवार के साथ हैं। उनके रिक्त स्थान की पूर्ति कोई नही कर सकता लेकिन अगर किसी भी प्रकार की कोई भी जरूरत होगी तो हम परिवार की हरसंभव मदद करेंगे।

आपको बता दें की अजय कुमार झा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। जवाहर उच्च विद्यालय मधेपुर से वर्ष 1995 में उन्होंने मैट्रिक की। फिर हर्षपति सिंह महाविद्यालय मधेपुर से अंतर स्नातक और स्नातक की। जिसके बाद वर्ष 2004 में उनका चयन सीआरपीएफ में हुआ। सोमवार आधी रात शाहिद जवान का पार्थिक शरीर घर पहुंचा था। मंगलवार सुबह सात बजे सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, जिले के डीएम एवं एसपी सहित कई नेता, ग्रामीण और आला अफसर की उपस्थिति में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना के बाद गांव में गम का माहौल है। साथ ही इस माहौल में स्थानीय लोग शहीद अजय कुमार झा के साथ अपनी अपनी यादें सांझा करते हुए दिखे।

 

 

 

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