*अजय धारी सिंह*
*मधुबनी:* जिले के मधेपुर प्रखंड में कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण बड़ी-बड़ी लंबी लग्जरी गाड़ी गाड़ियों की जगह शादी के लिए जा रहे दुल्हे को चिलचिलाती धूप में नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। ताजा वाक्या मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड का है। जहां मो० कमालउद्दीन के बेटे को नाव पर चढ़ कर सहरसा जिले के डरहार ओपी थाना क्षेत्र के बड़हारा गांव निवासी मो० बसीर की पुत्री से निकाह करने के जाना पड़ा है। मधेपुर प्रखंड में बारिश के बाद इन दिनों कोसी नदी अपने उफान पर है जिस कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।
*क्यों लेना पड़ा बाराती को नाव का सहारा?*
मधेपुर प्रखंड के परबलपुर गांव निवासी मो० एहसान की शादी की बारात सोमवार को दुल्हन को घर लाने के लिए नाव से रवाना हुई। नाव पर दूल्हा सहित करीब 60-65 बाराती भी थे। सर पर सेहरा सजाए दुल्हे मो० एहसान के पिता मो० कमालउद्दीन जहां अपने पुत्र को शादी को लेकर खुश थे, वहीं उनके चेहरे पर बाढ़ के कारण हो रही परेशानी साफ साफ नजर आ रही थी। मो० कमालउद्दीन ने बताया कि बेटे की शादी की तिथि एक महीने पहले निर्धारित कर ली गई थी। इस बीच कोसी नदी में बारिश के कारण भीषण बाढ़ जैसी नौबत आ गई है। जिस कारण बारात जाने के लिए निजी नाव भाड़े पर ली गई।
*कहां से कहां और कैसे निकली बारात?*
मो० कमालउद्दीन ने बताया कि सहरसा जिले के डरहार ओपी थाना क्षेत्र के बड़हारा गांव निवासी मो० बसीर की पुत्री के साथ निकाह है, जहां बारात जा रही है। सर पर सेहरा सजाए दूल्हा और बारात सजी -धजी वाहनों पर सवार होकर परबलपुर से चलकर कोसी तटबंध के बलथी चौक तक पहुंची। बलथी चौक के निकट दुल्हा समेत सभी बाराती नाव पर सवार हुए। नाव से लगभग 10 किलोमीटर दूरी तय कर बारात बड़हरा गांव को गई। दुल्हे के पिता ने बताया कि दुल्हन को भी नाव से ही ससुराल परबलपुर गांव लाया जाएगा। कोशी नदी के पेट में बसे कई गांव के नसीब में ऐसा ही जीवन बस गया है। यहां ये देखना होगा कि विकाश के इस दौड़ में इनकी तकदीर कब बदलती है।
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