Jamshedpur News:दलितों की आवाज थम गई, कैसे होगी क्षतिपूर्ति—दुलाल भुइंया

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जमशेदपुर..

जमशेदपुर के विभिन्न इलाकों में आज दिवंगत सुरेश मुखी की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.वहीं परिजनों ने दस दिन पूरे होने पर सामाजिक रीति रिवाजों के तहत आज कदमा उलियान के अंबेदकर पार्क और धतकीडीह मुखी बस्ती में ब्रह्मभोज का आयोजन किया.श्राद्ध कार्यक्रम में पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू समेत अन्य लोगों ने शिरकत किया और दिवंगत सुरेश मुखी के चित्र पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.वहीं परिजनों को सांत्वना दी.

इस मौके पर पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां दिवंगत सुरेश मुखी को याद करते करते भावुक हो गए और कहा कि शहर ने दलितों की एक बड़ी आवाज खो दी.सुरेश मुखी चंद मिनटों में हजारों लोगों को एकत्रित करने की क्षमता रखते थे.उनकी बदौलत सफाई कर्मचारियों के आंदोलन संपन्न हो पाते थे.वे दलितों/मजदूरों की सतत आवाज थे जिनकी कमी पूरी नहीं की जा सकती.

सुरेश मुखी के बारे में
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धतकीडीह मुखी कल्याण समिति के मुखिया सह कांग्रेस ओबीसी सेल के अध्यक्ष दिवंगत सुरेश मुखी एक मिलनसार और निर्भीक नेता थे, जिन्होंने हमेशा कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. धतकीडीह बस्ती में उन्होंने शराब की बिक्री के खिलाफ आंदोलन किया, जुआ के खिलाफ अभियान चलाया.ऐसे व्यक्ति की आत्महत्या की खबर पर किसी को विश्वास नहीं हुआ.

पिछले सप्ताह मंगलवार की रात धतकीडीह तालाब में कथित तौर पर कूदे थे, पुलिस ने दर्ज किया था यूडी केस
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बता दें कि मंगलवार 20जनवरी की रात लगभग नौ बजे कथित तौर पर सुरेश मुखी धतकीडीह तालाब में कूद गए, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने गंभीर हालत में उन्हें टीएमएच पहुंचाया जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने इस संबंध में बताया कि कोई सुसाइडल नोट नहीं मिला है.उन्होंने बताया कि यूडी (अस्वाभाविक मौत) केस दर्ज किया गया है.पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने सुरेश मुखी को तालाब में कूदते देखा था.

दिवंगत सुरेश मुखी की अंतिम यात्रा में पूरे शहर का जनसैलाब उमड़ पड़ा था.

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