Jamshedpur News:चिट्ठी न कोई संदेश न जाने कौन सा देश जहां तुम चले गए, दिवंगत सुरेश मुखी की अंतिम यात्रा में उमड़े लोग, नम आंखों से दी विदाई, पुलिस ने दर्ज किया यूडी केस
Anni Amrita
जमशेदपुर।
चिट्ठी न कोई संदेश जाने ये कौन सा देश जहां तुम चले गए…कुछ यही सवाल आज जमशेदपुर और मुखी समाज के लोगों के मन में कौंध रहे हैं.दिवंगत सुरेश मुखी की अंतिम यात्रा में आज जनसैलाब उमड़ पड़ा.पोस्टमाॅर्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को पहले टैंक रोड, कदमा स्थित आवास लाया गया जहां परिजनों द्वारा विधि विधान के बाद मेडिकल बस्ती धतकीडीह और फिर ठक्कर बापा क्लब परिसर में लाया गया.यहां बड़ी संख्या में लोगों ने अपने प्यारे नेता के अंतिम दर्शन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.उसके बाद पार्थिव शरीर को कांग्रेस जिला मुख्यालय तिलक पुस्तकालय बिष्टुपुर में रखा गया जहां कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिवंगत सुरेश मुखी को श्रद्धांजलि दी.
देर शाम पार्वती घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.पुत्र विनीत मुखी ने उन्हें मुखाग्नि दी.अंतिम संस्कार में झामुमो नेता दुलाल भुइयां, पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रविन्द्र कुमार झा, धर्मेन्द्र सोनकर, धर्मेंद्र प्रसाद, अपर्णा गुहा, राष्ट्रीय दलित मुखी समाज के अध्यक्ष चेतन मुखी, हरि मुखी और अन्य लोग मौजूद रहे. इस दौरान चेतन मुखी, प्रदीप कुमार बलमुचू, रविन्द्र झा, हरि मुखी और अन्य लोगों ने बताया कि सुरेश मुखी एक मिलनसार और निर्भीक नेता थे जिन्होंने हमेशा कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. धतकीडीह बस्ती में उन्होंने शराब की बिक्री के खिलाफ आंदोलन किया, जुआ के खिलाफ अभियान चलाया.ऐसे व्यक्ति की आत्महत्या की खबर अविश्वसनीय लगती है.सबने एक स्वर में शहर में आत्महत्याओं के न थमने पर चिंता जाहिर की.
मंगलवार की रात धतकीडीह तालाब में कथित तौर पर कूदे थे, पुलिस ने दर्ज किया यूडी केस
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बता दें कि मंगलवार 20जनवरी की रात लगभग नौ बजे कथित तौर पर सुरेश मुखी धतकीडीह तालाब में कूद गए, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने गंभीर हालत में उन्हें टीएमएच पहुंचाया जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने इस संबंध में बताया कि कोई सुसाइडल नोट नहीं मिला है.उन्होंने बताया कि यूडी (अस्वाभाविक मौत) केस दर्ज किया गया है.पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने सुरेश मुखी को तालाब में कूदते देखा था.
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