Bihar News:दरभंगा राज परिवार के ट्रस्ट के लॉकर से करोड़ों के जेवर निकालकर बेचे,तीन गिरफ्तार,पुलिस कर रही है जांच
दरभंगा।
दरभंगा राज परिवार के ट्रस्ट के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दरभंगा की मुख्य शाखा के लॉकर में रखे करोड़ों के जेवर निकालकर बेचने का सनसनीखेज मामला मंगलवार को प्रकाश में आया। कामेश्वर सिंह रिलीजियस ट्रस्ट की ओर से लॉकर में जेवर रखे गए थे। मामले में महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र व कुमार शुभेश्वर सिंह के पुत्र कपिलेश्वर सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद पुलिस ने कामेश्वर सिंह रिलीजियस ट्रस्ट के अटॉर्नी उदय नाथ झा उर्फ विष्णु जी और मैनेजर केदार नाथ मिश्र को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने दरभंगा टावर स्थित स्वर्ण व्यवसायी लालो साह के हाथों आभूषण बेचने की बात कबूली। इसके बाद पुलिस ने दरभंगा टावर स्थित स्वर्ण शृंगार ज्वेलर्स में छापेमारी कर दो किलो सोना, 35 किलो चांदी और कई जवाहरात बरामद किये। पुलिस स्वर्ण शृंगार ज्वेलर्स के मालिक लालो साह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि व्यवसायी ने करीब 88 लाख रुपए के जेवरात खरीदने की बात कबूली है।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में कामेश्वर धार्मिक न्यास के ट्रस्टी महारानी अधिरानी कामसुंदरी देवी के रिश्तेदार मधुबनी जिले के मगरौनी निवासी उदयनाथ झा उर्फ विष्णु, ट्रस्ट के प्रबंधक केदार नाथ मिश्रा और लहेरियासराय थाना क्षेत्र के रहमगंज निवासी आभूषण व्यवसायी शत्रुघ्न प्रसाद शामिल हैं।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने गिरफ्तार तीनों आरोपितों से विश्वविद्यालय थाने में सघन पूछताछ की। उदयनाथ झा उर्फ विष्णु ने अपने को निर्दोष बताया। कहा, हमने न तो अनधिकृत रूप से आभूषण निकाला और न ही उसे बेचा। जो किया, उसका मुझे पावर ऑफ अटार्नी है। इसी के तहत सब कुछ किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।
पुलिस ने शत्रुघ्न प्रसाद के दरभंगा टावर स्थित दुकान से गला हुआ 1.6 किलो सोना व 33 किलो चांदी जब्त की है। मामले में कई सफेदपोशों के भी संलिप्त होने की आशंका है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।आभूषण व्यवसायी शत्रुघ्न प्रसाद ने बताया कि उसके उदयनाथ झा उर्फ विष्णु के साथ पुराने संबंध हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने आभूषण लाकर दिया और उसे बेचने की बात कही थी। आभूषणों का उचित मूल्य जानने के लिए उसे गलाना आवश्यक होता है। यह सलाह देने पर वे आभूषण देने को तैयार हुए।
आभूषणों को गलाने से जो सोना और चांदी प्राप्त हुई, उसका मूल्य 88 लाख रुपये निर्धारित हुआ। रुपये मांगने पर उन्होंने उदयनाथ झा से आभूषणों के कागजात मांगे। उन्हें आज कागजात सौंपना था। भुगतान के लिए चेक तैयार कर लिया था। इसी बीच पुलिस ने कार्रवाई की। दरभंगा महाराज के उत्तराधिकारी राजकुमार कपिलेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय थाने में कराई प्राथमिकी में कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के नियम परिनियम का हवाला देते हुए कहा कि यदि महारानी अस्वस्थ हैं या और कोई मजबूरी है तो बैंक में रखे लाकर को राज परिवार का ही कोई पुरुष सदस्य खोल सकता है।उन्होंने यह भी कहा कि स्टेट बैंक दरभंगा की मुख्य शाखा में रखे लाकर को खोलकर आभूषण एक पखवाड़ा पूर्व ही निकाले गए थे। महारानी अत्यधिक वृद्ध हो चुकी हैं, मानसिक स्थिति भी सही नहीं है। इसी का लाभ उठाकर फर्जीवाड़ा किया गया है।
रामबाग किला स्थित कामेश्वर धार्मिक न्यास के कार्यालय के विभिन्न कक्षों में मंगलवार को ताला जड़ दिया गया। इससे पूर्व राजकुमार कपिलेश्वर सिंह दर्जनों लोगों के साथ धार्मिक न्यास के कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने कार्यालय के अवलोकन के क्रम में पाया कि कई बहुमूल्य कलाकृतियां और धरोहर की श्रेणी में आने वाली कई वस्तुएं उपलब्ध नहीं है। कार्यालय सहित विभिन्न कक्षों में ताला जड़ दिया गया।
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