South Eastern Railway:मैं गीतांजलि एक्सप्रेस हूं, आज मैं 46 वर्ष की हो गई, क्या आप मुझे बधाई और शुभकामनाएं नहीं देंगे

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रवि कुमार झा

रेल खबर.

मै गीताजंली एक्सप्रेस हूं.आज मैं 46 वर्ष की हो गई हूं. लोग मुझे क्वीन ऑफ साउथ इस्टर्न रेलवे के नाम से जानते हैं. मैंने अपनी 46 साल की उम्र में काफी उतार चढाव भी देखा है. इस दौरान मेरे कोच को कई बार बदला गया है. बीते साल कुछ रेल फैन्स के द्वारा मेरे 45 वर्ष होने पर मुझे सजाकर केक काटकर सम्मानित भी किया गया था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है. मैं 4 नवंबर 1977 को मुंबई से हावड़ा के लिए पहली बार चली थी. उस वक्त तत्कालीन रेल मंत्री मधु दंडवते ने मुझे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. उस वक्त मेरा नाम इस्टर्न एक्सप्रेस रखने का सुझाव दिया गया था, लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री ने ही ने मेरा नाम गीतांजलि एक्सप्रेस रखा.

मैं हावड़ा मुंबई हावड़ा के बीच प्रतिदिन चलती हूं. इस दौरान मैं 1964 किलोमीटर की दूरी 31 घंटा 15 मिनट में तय करती हूं और इस बीच 23 स्टेशनों पर रूकती भी हूं. मेरी अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है.आज मेरा जन्मदिन है. कई लोग मुझे बधाई और शुभकामना दे रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि मैं इसी तरह आपकी यात्रा को मंगलमय बनाते हुए समय पर आपको गंतव्य तक पहुंचाती रहूंगी. मैं गीतांजलि एक्सप्रेस हूं.

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