Jamshedpur News:परीक्षा नियंत्रक की लापरवाही और अनुभवहीनता के कारण 30 छात्रों की परीक्षा छूटी – आजसू छात्र संघ

190

जमशेदपुर.

अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू)के कोल्हान प्रभारी हेमंत पाठक के नेतृत्व में जेकेएस कॉलेज के छात्रों की उपस्थिति में करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक को आज मांग पत्र भेजा गया.

क्या है मामला –
——–

21 अगस्त 2023 को कला , वाणिज्य ,साइंस एंड वोकेशनल की परीक्षा थी, आर्ट्स एवम विज्ञान एंड वोकेशनल संकाय के छात्रों की परीक्षा प्रथम पाली में होनी थी. कला, विज्ञान के अंतर्गत सभी विषय रूटीन में दिए गए थे और द्वितीय पाली में कला के अंतर्गत होने वाले एमडीसी पेपर लिखा हुआ था परंतु वाणिज्य के अंतर्गत इतिहास विषय एमडीसी पेपर कहीं नही लिखा हुआ था. इसलिए जेकेएस महाविद्यालय के 30छात्र
2 बजे द्वितीय पाली में परीक्षा देने पहुंचे तो केसीसी में कहा गया कि इतिहास की परीक्षा तो प्रथम पाली में हो गई. तब छात्रों ने कहा कि वाणिज्य संकाय की सभी परीक्षा द्वितीय पाली में है तो सुबह में परीक्षा कैसे हो गई? इस पर छात्रों ने हंगामा भी किया.

छात्र संघ के कोल्हान प्रभारी हेमंत पाठक ने कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अजय चौधरी से टेलीफोन पर बात की और समस्या बताई तो परीक्षा नियंत्रक अपनी बात पर अड़ गए कि हमने वाणिज्य में सभी एमएससी पेपर अंकित किया है, अपना रूटीन देखिए, जबकि रूटीन में वाणिज्य में कहीं भी एमएससी विषय का वर्णन नहीं है.

हेमंत पाठक ने कहा नई शिक्षा नीति ने बच्चों को मानसिक रूप से बहुत परेशान किया है. हर महीना पाठ्यक्रम परिवर्तन हो जाना , बाजार में पुस्तक न होना ऐसी कई समस्याओं से छात्र रुबरु हो रहे हैं. उस पर कोल्हान के परीक्षा नियंत्रक न जाने कौन सा नशा करके बैठे हैं कि हर वर्ष कोई न कोई बड़ी गलती हो जाती है. पिछले वर्ष परीक्षा किसी और विषय का था और प्रश्न किसी अन्य विषय के भेज दिए गए थे. ऐसी बहुत बड़ी बड़ी गलतियां हो रही हैं जिनका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ तो शाखा कार्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया जाएगा.हेमंत ने कहा कि किस काम का शाखा कार्यालय जब कोई बड़ा अधिकारी यहां आता ही नहीं हो और किसी भी समस्या का त्वरित समाधान भी न निकलता हो.आगे जो भी होगा उसकी पूरी जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की होगी. इस दौरान साहेब बागती और जगदीप सिंह उपस्थित थे.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More