Chaibasa :झा ज महासभा ने चिड़ियाबेड़ा सर्च अभियान में लगे सुरक्षाबलों पर लगाए गंभीर आरोप

सर्च अभियान के दौरान चिरियाबेड़ा के आदिवासी फिर बने सुरक्षा बलों के हिंसा व छेड़खानी का शिकार

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चाईबासा ।11 नवम्बर 2022 को चिरियाबेड़ा गाँव (अंजेड़बेड़ा राजस्व गांव, सदर प्रखंड, पश्चिमी सिंहभूम) में सर्च अभियान के दौरान फिर से सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष आदिवासियों के साथ हिंसा की गयी। झारखंड जनाधिकार महासभा, जो विभिन्न जन संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का मंच है, द्वारा इस मामले का तथ्यान्वेषण किया गया था। इस विषय पर महासभा प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से 2 दिसम्बर 2022 को मिले और . मांग पत्र सौंपा।

तथ्यान्वेषण में पाया गया कि अभियान के दौरान गांव की कई महिलाओं समेत निर्दोष आदिवासियों की पिटाई की गयी। एक नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार के उद्देश्य से छेड़खानी किया गया और घरों में रखे समानों को तहस-नहस किया गया। वृद्धा विधवा नोनी कुई जोजो के घर में सुरक्षा बल के जवान घुस घर के सामानों को बिखेर दिया गया। फिर घर के अन्दर उनकी नाबालिक बेटी शांति जोजो के हाथों को दो जवानों ने पकड़ा व तीसरा जवान उसके स्तनों को दबाने लगा। उसे खींच कर झाड़ी की तरफ ले जाने का प्रयास किया गया। वह किसी तरह अपने को छुड़ाके भागी और मां से लिपट गयी। फिर जवानों ने नोनी कुई को डंडे से बुरी तरह पीटा लेकिन उसने बेटी को नहीं छोड़ा। शांति जोजो ने तथ्यान्वेषण दल को स्पष्ट बोला कि जवानों द्वारा किए गए छेड़खानी से उसको ऐसा लगा कि उसका बलात्कार करने वाले थे।अन्य कई लोगों के साथ हिंसा की गयी। 16 वर्षीय बामिया बहंदा को पेड़ से उतारकर पीटा गया।जब उसकी माँ कदमा बहंदा उसे बचाने गयी तो उसे भी पीटा गया। सुरक्षा बलों ने कईओं के घरों में रखे सामान (धान, कपड़े, बर्तन आदि) एवं खलियान में रखे धान को तहस-नहस कर दिया।पूरी घटना के दौरान सुरक्षा बल के जवान हिंदी में पूछताछ कर रहे थे और ग्रामीण लगातार हो भाषा में बोल रहे थे कि उन्हें हिंदी अच्छे से नहीं आती है।
12 नवम्बर में स्थानीय अख़बारों में छपे खबर के अनुसार यह कोबरा-209/205, झारखंड जैगुआर, सीआरपीएफ की बटालियन व स्थानीय पुलिस का संयुक्त अभियान था एवं चिरियाबेड़ा, लोवाबेड़ा व हाथीबुरु में चलाए गए अभियान में जंगलों में लगे सीरीज में बम पाए गए व डिफ्यूज किए गए एवं भाकपा (माओवादी) का पोस्टर, बैनर समेत कई दैनिक इस्तेमाल का समान पाया गया।इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़ा किया है. 15 जून 2020 को सुरक्षा बल जवानों ने सर्च अभियान के दौरान इसी गांव के आदिवासियों को डंडों, बैटन, राइफल के बट और बूटों से बेरहमी से पीटा था। मांग पत्र में दोषी सुरक्षाबलों के विरुद्ध कार्रवाई करने, नक्सल सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा ग्रामीणों को परेशान नहीं किए जाने तथा गांव में व्याप्त गरीबी तथा समस्याओं के समाधान की मांग की गई है।
महासभा प्रतिनिधिमंडल में जोहार, आदिवासी विमेंस नेटवर्क, आदिवासी यंगस्टर यूनिटी, झारखंड किसान परिषद समेत कई संगठन के प्रतिनिधियों में अम्बिका यादव, एलिना होरो, कमल पूर्ति, मिली होरो, नारायण कांडेयांग, रमेश जेराई, रेयांस समाद, सोनल, सिराज शामिल थे।

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