जमशेदपुर।”शहर की धार्मिक और सामाजिक संस्था रंगरेटा महासभा के ऐतिहासिक पहल से घबराए चंद विरोधियों ने शहर में जाली रंगरेटा महासभा का गठन कर लिया है.पूरे देश में सिखों को पगड़ी से पहचाना जाता है और जिसके सिर पर न केश है न पगड़ी उसे समाज का नेतृत्वकर्ता नहीं माना जा सकता है.जब मैने हरजिंदर सिहं रिंकू को रंगरेटा महासभा का महासचिव मनोनीत किया था तभी उसे केश बढा़कर पगड़ी धारण करने का निर्देश दे दिया था लेकिन आज तक वो केश और पगड़ी रहित है.जो अपने धर्म का नहीं वो किसी का सगा नहीं हो सकता है”.
उक्त बातें रंगरेटा महासभा और बाबा जीवन सिंह एजुकेशन एंड वैलफेयर ट्रस्ट के प्रधान मंजीत सिहं गिल ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहीं हैं.श्री गिल ने कहा कि बाबा जीवन सिंह ने गुरू का मान,धर्म और समाज की रक्षा के लिए ऐतिहासिक पहल की थी.श्री गिल ने कहा आज बाबा जी के विचारों पर चलने की बात करने वाले कुछ भ्रष्ट और चंदाखोर केशकत्ली लोग जाली संस्था बनाकर चंद लोगों को गुमराह करने में लगे हुए हैं.वे बोले आज जो न्यायालय जाने की बात कर रहें हैं वे गुरू की अदालत में दोषी पाए जाएंगे.जिसके सिर पर न केश है न पगड़ी वो धर्म का ठेकेदार बनना चाहता है वो भी जाली संस्था बनाकर.
श्री गिल ने बताया कि 2018 में ऐसे कुछ लोग जिनको रंगरेटा महासभा से निष्कासित किया गया था वे रंगरेटा विकास मंच बनाकर रंगरेटा महासभा का आए दिन विरोध करते रहे.वैसे ही लोगों को लेकर हरजिंदर सिहं रिंकू एक जाली संस्था बनाकर हमें निष्कासित करने की बात कहते हैं.गिल ने कहा कि हमारे पास सारे दस्तावेज है समय आने पर सबको दिखाएंगें.
वहीं रंगरेटा महासभा की महिला ईकाई की प्रधान किरणदीप कौर ने कहा कि आज जो सिख धर्म का नहीं वो समाज का कैसे हो सकता है.उन्होंने कहा कि समय का इंतजार करें सारे साक्ष्य लेकर मीडिया के सामने आएंगें.श्रीमती कौर ने कहा कि रंगरेटा महासभा का असली प्रधान कौन है और समाज के लिए कौन दिन-रात मेहनत कर रहा है
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