Chaibasa News :टोंटो तथा टोपाबेड़ा में ढाई दर्जन से अधिक ग्रामीण मौसमी बीमारी से आक्रांत

167

चाईबासा : जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बीहड़ जंगलों के बीच बसे टोपाबेड़ा तथा टोंटो गांव के हेंदेबुरू टोले में ढाई दर्जन से अधिक ग्रामीण मौसमी बीमारी की चपेट में आ गये हैं। इनमें से हेंदेबुरू टोला निवासी सुखमति लागुरी की इलाज के अभाव में मौत गयी है। जबकि कई ग्रामीणों की हालत गंभीर है। टोंटो प्रखंड के जिला परिषद सदस्य नारायण तुबिड तथा समाजसेवी दिनेश तुंबलिया की सूचना पर मंगलवार को एक मेडिकल टीम टोपाबेड़ा पहुंची और इलाज शुरू कर दिया है।

ये हैं मौसमी बीमारी से पीड़ित

टोंटो प्रखंड के टोपाबेड़ा में करीब दर्जनभर ग्रामीण मौसमी बीमारियों की चपेट में हैं तो पड़ोसी गांव टोंटो के हेंदेबुरू में करीब डेढ़ दर्जन ग्रामीण इस बीमारी से पीड़ित हैं। करीब एक सप्ताह से ये लोग बीमार हैं लेकिन सरकारी चिकित्सा सेवा से वंचित थे। टोपाबेड़ा में बीमार पड़नेवालों में नागश्री लागुरी, भोंज लागुरी, सतुआ लागुरी, सोनामुनी लागुरी, कलेना लागुरी, बुधनी लागुरी, चांदमनी लागुरी के नाम शामिल हैं। जबकि हेंदेबुरू में बीमार लोगों में पार्वती बारी, रांदो पुरती, सोमवारी लागुरी, सुखमति लागुरी (मृत), प्रिय लागुरी, मंजू लागुरी, अनिल लागुरी, मंगल सिंह लागुरी, लादगू लागुरी, अनंत लागुरी, राम लागुरी, पतोर लागुरी, अर्चना लागुरी, चंबरा लागुरी, सावित्री लागुरी, मुक्ता लागुरी आदि का नाम शामिल हैं।

 

इलाज के अभाव में झाड़-फूंक का सहारा ले रहे थे मरीज

सरकारी चिकित्सा सेवा से पूर्णत: वंचित ये मरीज पिछले एक सप्ताह से झाड़-फूंक का सहारा लेने को विवश थे। दो किलोमीटर की दूरी पर ही पालीसाई में स्वास्थ्य उपकेंद्र तो है लेकिन डॉक्टर तथा नर्स कभी नहीं आते हैं और गरीबी के कारण मरीज 50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय इलाज करवाने के लिये जा भी नहीं सकते हैं। देवनदी का जलस्तर बढ़ने पर टोपाबेड़ा टापू बन जाता है। ऐसे में रोगी इलाज कराने के लिये गांव से बाहर भी नहीं निकल सकते हैं। ऐसे में रोगियों की जिंदगी यहां भगवान भरोसे होती है।

आजादी के बाद कभी गांव में स्वास्थ्य शिविर नहीं लगा: दिनेश तुंबलिया

टोपाबेड़ा निवासी दिनेश तुंबलिया ने बताया कि टोपाबेड़ा पुरी तरह से सरकारी सुविधाओं से वंचित गांव है। आजादी के 75 सालों में कभी भी यहां स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है जबकि इस गांव में गाहे-बगाहे महामारी या मौसमी बीमारियां फैलती रहती हैं। इसी माह में गांव में करैत ने पांच लोगों को काट लिया था जिसमें से एक की मौत हो गयी थी। बाकी को जिला मुख्यालय ले जाकर बचाया गया था। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह टोंटो प्रखंड में एक बड़ा अस्पताल बनवाए ताकि चिकित्सा सेवा को तरसते ग्रामीणों की जिंदगी बचायी जा सके।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More