Jamshedpur today news:हरिओम के निधन के लिए पवन ही दोषी, तीन साल के लिए निष्कासित

अग्रहरि समाज की जांच कमिटी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष-महामंत्री को सौंपी रिपोर्ट

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जमशेदपुर : अग्रहरि समाज के युवा सदस्य हरिओम अग्रहरि के निधन मामले ने समाज की तीन सदस्यीय जांच कमिटी ने विभिन्न तथ्यों के आधार पर जांच कर रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रहरि व राष्ट्रीय महामंत्री अशोक कुमार अग्रहरि को भेज दी है. इसमे पवन अग्रहरि को दोषी बताते हुए कहा गया है कि हरिओम अस्वस्थ होने के बावजूद पवन ने उन्हें अकेला छोड़कर दर्शन करने चले गए और थोड़ी ही देर बाद हरिओम का निधन हो गया. बाद में उसके शव थाना आने तक वे नही आये थे तथा मृतक के परिजनों से कोई संपर्क नही साधा गया. इस रिपोर्ट को आधार मानते हुए दोनों राष्ट्रीय पदाधिकारी ने पवन को तीन वर्ष के लिए निलंबित करने की घोषणा की.
चूंकि यह टीम पूर्ण रूप से सामाजिक स्तर का था, इसलिए जांच में मूल रूप से यह तहकीकात की गई कि पवन अग्रहरि ने अपना सामाजिक दायित्व व कर्तव्यों का निर्वाहन किया या नही. ज्ञात हो कि गत 11 जुलाई को स्व हरिओम, पवन सहित कई लोगों की टीम हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव के दर्शन करने गए थे, जहां 18 जुलाई को हरिओम का निधन हो गया. इसके बाद उनके स्व हरिओम के परिजनों द्वारा इसके लिए पवन को दोषी बताते हुए समाज से कार्रवाई की मांग की. 25 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय महामंत्री ने तीन सदस्यीय जांच कमिटी के गठन करते हुए पवन अग्रहरि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. यही नही, समाज की जमशेदपुर कमिटी ने भी पवन का आजीवन सामाजिक बहिष्कार कर दिया था. इसके बाद पवन ने 7 अगस्त को खुद को साज़िश का शिकार बताते हुए जांच कमिटी पर आरोप लगाते हुए अपने पद (युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष) से इस्तीफा दे दिया. जांच टीम ने रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि पवन से इस बावत उनका मंतव्य मोबाइल के माध्यम से लिया गया है और उनकी सहमति से मोबाइल में रिकॉर्ड भी किया गया है, जिसका पुख्ता सबूत टीम के पास है. और भी कई लोगों से मोबाइल से ही पूछताछ की गई है.

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